भोपाल। प्रदेश में शराब माफिया पूरी तरह से बेलगाम हो चुका है। जहरीली शराब से लोगों की मौत का सिलसिला जारी है। साथ ही नकली शराब का कारोबार भी खूब फलफूल रहा है। ऐसे में सरकार बेलगाम हो चुके माफिया पर लगाम कसने की जगह सख्त कानून बनाने जा रही है। आबकारी विभाग ने आबकारी एक्ट में सजा बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है। जिसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में आज होने वाली कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल सकती है। सरकार आबकारी एक्ट में संशोधन विधेयक इसी मानसून सत्र में लाने जा रही है।
वाणिज्यिक कर विभाग ने जहरीली शराब बेचने पर आजीवन सजा का प्रावधान किया है। मौजूदा कानून में इसमें 10 साल की सजा का प्रावधान है। हालांकि मौजूदा कानून से भी सरकार शराब माफिया पर लगाम नहीं कस पा रही है। हाल ही में मंदसौर, इंदौर में जहरीली शराब से एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, कई लेाग भी भी गंभीर हैं। इंदौर में असली ब्रंाड की नकली शराब का बड़ा अवैध कारोबार पकड़ा है। इसमें अभी तक जांच एजेंसी असल माफिया तक नहीं पहुंच पाई हैं। खास बात यह है कि जहरीली एवं अवैध शराब के कारोबार में पुलिस, आबकारी की मिलीभगत सामने आई है।
15 महीने में 55 मौतें
प्रदेश में नकली एवं जहरीली शराब किस तरह बिक रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले 15 महीने में प्रदेश में जहरीली शराब से 53 लोगों की मौत हो चुकी है। मंदसौर में पिछले हफ्ते जहरीली शराब पीने से 8 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच इंदौर में भी नकली शराब से करीब आधा दर्जन मौतों का मामला सामने आया है। इन घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री ने अवैध शराब के कारोबार पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए थे। इससे पहले नवंबर 2020 में जहरीली शराब से उज्जैन में 14 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि इसी साल जनवरी में मुरैना जिले में जहरीली शराब से 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अन्य जिलों में भी शराब से मौतों के मामले सामने आए हैं।
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