जम्मू। पाकिस्तान (Pakistan) ने सर्दियों में आतंकवादियों की घुसपैठ और युद्धविराम उल्लंघन (Ceasefire violation) की हरकतें तेज कर दी है। लाइन ऑफ कंट्रोल पर बसे कुसलिया गांव में कुछ लोग हमसे मिलने इक्ट्ठा हुए हैं। गॉव के बुजुर्ग लोगो ने बातचीत के दौरान बताया ठंडी हवा और खूबसूरत नजारों को जहां खुशी का अहसास कराना चाहिए था वहीं पाकिस्तान की नापाक हरकतों की वजह से यहां की खूबसूरती में खौफ का जहर घुल रहा है। सामने पहाड़ों के ऊपर बनी पाकिस्तान सेना की पोस्ट इंडियन आर्मी की पोस्ट को ही निशाना बनाने की कोशिश नहीं करती, बल्कि वह मासूम, निहत्थे सिविलियंस पर भी बर्बरता कर रही है।
बुजुर्ग ने बताया कि पाकिस्तान की हरकतों की वजह से खौफ का माहौल रहता है, किसी अजनबी को देखकर बच्चे एकदम डर जाते हैं। जब एक बुजुर्ग से मैं बात कर ही रही थी तो कुछ दूरी पर एक बच्ची दिखाई दी। करीब 5-6 साल की रही होगी। मैं उसे देखकर पहले मुस्कुराई तो उसने अपना सर नीचे झुका लिया। फिर सर उठाया तो मैंने हाथ से इशारा कर अपने पास बुलाया, मेरे ऐसा करते ही बच्ची जोर जोर से रोने लगी और रोते हुए अपने घर की तरफ तेजी से भागी। मैं भी एकदम हैरान कि बच्ची क्यों रोई। नसीम अपने पांच साल के बेटे को खुद से चिपकाए हुए खड़ी थीं। उनके पति इंडियन आर्मी के साथ पोर्टर का काम करते थे। इसी साल जनवरी में पाकिस्तान की बर्बर बैट एक्शन टीम उनके नित्हथे पति का सिर काटकर ले गई। साथ में दो और पोर्टर को मौत के घाट उतार दिया।
नसीम के पति के साथ ही पाकिस्तानी बैट एक्शन टीम ने शफीना के पति को भी मार डाला। वह भी पोर्टर का काम करते थे। शफीना की शादी को 6 साल हुए हैं और उनके दो छोटे छोटे बच्चे हैं। एक छोटा देवर भी है। शफीना पूछती हैं कि वह अपने बच्चे अब कैसे पालेगी। शफीना के सवालों का किसी के पास कोई जवाब नहीं है। पाकिस्तानी सेना सिविलियंस को लगातार निशाना बना रही है और लाइन ऑफ कंट्रोल के पास रहने वाले लोगों ने गोलीबारी में किसी न किसी अपने को खोया है। 6 महीने के भीतर ही इस इलाके में पाकिस्तानी गोलाबारी से 6 सिविलियंस की मौत हुई है और कई जख्मी हुए हैं।
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