न्यूयार्क । संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महिला संगठन (United Nations (UN) Women’s Organization) के अधिकारियों ने कहा कि भारत (India) ने हाल के वर्षों में लैंगिक समानता (Gender equality) की दिशा में अहम प्रगति की है। देश महिला नेतृत्व व सशक्तीकरण (Women leadership and Empowerment) के लिए विशेष रूप से स्थानीय स्तर पर, जैसे कि पंचायतों नीतियों व कार्यक्रमों में अधिक निवेश कर रहा है।
यूएन महिला संगठन में रणनीतिक साझेदारी के निदेशक डेनियल सेमोर व इसकी भारतीय प्रतिनिधि सूजन जेन फर्ग्यूसन ने कहा कि भारत में गहरी जड़ें जमाए सामाजिक मानदंड व सीमित वित्तपोषण महिलाओं की समग्र प्रगति में बाधा डालते हैं। फर्ग्यूसन ने कहा, लैंगिक समानता में भारत की प्रगति प्रेरणादायक है। बहुत कुछ पाया जा चुका है, शेष चुनौतियों को दूर करने के लिए समग्र दृष्टिकोण की जरूरत होगी जो सामाजिक मानदंडों, प्रणालीगत और आर्थिक बाधाओं, सार्वजनिक व निजी दोनों क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी पर बात कर सके।
महिला केंद्रित कार्यक्रमों के बजट में बढ़ोतरी
भारत के केंद्रीय बजट 2024-25 के जेंडर बजट स्टेटमेंट (जीबीएस) के मुताबिक, देश ने हालिया वर्षों में महिला केंद्रित कार्यक्रमों के लिए अपने बजट में वृद्धि की है, खासकर लिंग-संवेदनशील बजट में। यह राष्ट्रीय बजट का 6.8 फीसदी है। इससे महिलाओं और लड़कियों की स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक अवसरों जैसी आवश्यक जरूरतों को पूरा करने में मदद मिल रही है। ब्यूरो
फर्ग्यूसन ने की अपील
निजी क्षेत्र भी आएं लैंगिक समानता कार्यक्रमों के समर्थन में फर्ग्यूसन ने कहा कि निजी क्षेत्र को भी लैंगिक समानता के कार्यक्रमों का समर्थन करना चाहिए। यूएन भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर महिला सशक्तीकरण के लिए काम कर रहा है, जैसे महिला-स्वामित्व वाले व्यवसायों को वित्तीय मदद देना।
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