खार्तूम: अफ्रीकी देश सूडान (Sudan) में लगातार जारी हिंसा से आम लोगों का संकट बढ़ता जा रहा है और एक बड़ा इलाका भयावह स्थिति का सामना कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एजेंसी ने चेतावनी दी है कि पश्चिमी सूडान के दारफुर में भुखमरी (Starvation) को रोकने के लिए समय निकलता जा रहा है और हिंसा देश को तबाह कर रही है। विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के पूर्वी अफ्रीका के क्षेत्रीय निदेशक ने शुक्रवार को कहा कि दारफुर में राशन की कमी का ये आलम है कि लोगों को घास (Grass) और मूंगफली के छिलके खाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, माइकल डनफोर्ड ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दारफुर में जल्दी से जल्दी सहायता नहीं पहुंचती है तो फिर इस इलाके के साथ ही सूडान के दूसरे संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में भी व्यापक भुखमरी फैल सकती है। इससे बड़ी संख्या में मौतें होने का खतरा है। विश्व खाद्य कार्यक्रम के अनुसार, दारफुर में खाद्य सहायता की डिलीवरी लड़ाई और दूसरी बाधाओं के कारण रुक रही है। इससे क्षेत्र के कम से कम 17 लाख लोग भूख के आपातकालीन स्तर का सामना कर रहे हैं।
एक साल से हिंसा की चपेट में सूडान
मानवतावादी संगठन के अनुसार गुरुवार को दक्षिण दारफुर में बंदूकधारियों ने रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) के दो ड्राइवरों की हत्या कर दी और तीन कर्मचारी घायल हो गए। संगठन ने कहा कि सशस्त्र हिंसा से प्रभावित समुदायों के बीच संकट का आकलन करने के लिए आई आईसीआरसी टीम पर हमला किया गया। हिंसा में ये ताजा उछाल ऐसे समय आया है, जब आरएसएफ ने उत्तरी दारफुर की राजधानी एल फैशर को घेर लिया है।
सूडान बीते साल से गृहयुद्ध की वजह से हिंसा की चपेट में है। सूडानी सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच लड़ाई के चलते आम लोगों के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी गहो रही है। सूडान में बीते एक साल में यौन हिंसा और नागरिकों पर हमले की शिकायतें लगातार आई हैं। इसने लोगों को बड़े स्तर पर पलायन के लिए मजबूर किया है।
गांव के गांव जलाए जा रहे हैं
सूडान के लिए संयुक्त राष्ट्र के उप मानवीय समन्वयक टोबी हेवर्ड ने गुरुवार को कहा कि शहर और इसके आसपास के इलाकों में मनमाने हत्याएं बढ़ रही हैं और पूरे के पूरे गांवों को जलाया जा रहा है। हेवार्ड ने कहा कि एल फशर दारफुर का एकमात्र शहर है जिस पर आरएसएफ ने कब्जा नहीं किया है और यहां हजारों लोग विस्थापित होकर आए हैं। संयुक्त राष्ट्र की बच्चों की एजेंसी (यूनिसेफ) के अनुसार, शहर में शरण लेने वालों में से कम से कम 500,000 लोग सूडान में अन्य जगहों पर हिंसा से विस्थापित हुए हैं।
मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने बताया कि हाल के हफ्तों में एल फशर में 36,000 से अधिक लोगों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है। यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने गुरुवार को कहा कि दो हफ्ते पहले लड़ाई बढ़ने के बाद से शहर में और उसके आसपास कम से कम 43 लोग मारे गए हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved