वाशिंगटन (Washington)। इस्राइल और हमास (Israel and Hamas War) के बीच सात अक्तूबर से युद्ध जारी है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट (United Nations report) से एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसने इस्राइली प्रधानमंत्री (Israeli Prime Minister) के दावों और आरोपों को और पुख्ता कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट (United Nations report) में दावा किया गया है कि हमास (Hamas) के आतंकियों ने हमलों के दौरान कई इस्राइली महिलाओं (Israeli women) के साथ दुष्कर्म किया है। उन्होंने यहां तक की शवों को भी नहीं बख्शा और शवों के साथ भी दुष्कर्म किया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हमास के लड़ाकों ने बंधक बनाए गए लोगों के साथ भी दुष्कर्म किया है। रिपोर्ट के अनुसार, उनके पास इन सभी आरोपों को मानने के लिए पर्याप्त और ठोस सबूत हैं। गौरतलब है कि इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कई बार आरोप लगाए हैं कि हमास के लड़ाके इस्राइली महिलाओं-बच्चों के साथ दुष्कर्म कर रहे हैं। अब संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट से उनके आरोपों को बल मिल गया है।
सभी आरोपों से संबंधित स्पष्ट और ठोस सबूत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि प्रमिला पैटन को जानकारी मिली है कि कुछ बंधकों के साथ दुष्कर्म किया गया है। उन्होंने आशंका जताई है कि क्या पता अभी भी बंधकों के साथ दुष्कर्म किया जा रहा हो। प्रमिला के पास इन सभी आरोपों से संबंधित स्पष्ट और ठोस सबूत हैं। बता दें, पैटन ने विशेषज्ञों की टीम के साथ फरवरी की शुरुआत में ढाई सप्ताह के लिए इस्राइल और वेस्ट बैंक का दौरा किया था। इस दौरान जांच में टीम को कई स्थानों पर ऐसे सबूत मिले हैं, जिससे साफ होता है कि यहां यौन हिंसा हुई थी, जिसमें दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म दोनों शामिल है। पैटन ने बताया कि यौन हिंसा मुख्यत: तीन जगह पर हुई है। पहली- नोवा संगीत समारोह स्थल और उसके आसपास के इलाकों में, दूसरा- रोड 232 पर और तीसरा किबुत्ज रीम में।
लाशों के साथ भी बलत्कार
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि कई पीड़ितों को दुष्कर्म के बाद आतंकियों द्वारा मार दिया गया और कम से कम दो बार तो आतंकियों ने लाशों के साथ भी दुष्कर्म किया। टीम ने यौन हिंसा के पीड़ितों के लिए आह्वान किया था कि वे आगे आएं और अपने ऊपर हुए जुल्मों के खिलाफ गवाही दें लेकिन गवाही देने कोई भी आगे नहीं आया। टीम के लोगों ने यात्रा के दौरान हिंसा पीड़ित लोगों और स्वास्थ्य अधिकारियों से बात भी की और पांच हजार तस्वीरें और 50 घंटे की सीसीटीवी फुटेज भी देखी। टीम ने रिहा हुए बंधकों से भी बात की है।
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