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    UN: भारत ने गरीबी और भूख से निपटने के लिए IBSA फंड को दिए 10 लाख डॉलर

  • February 21, 2024

    जिनेवा (Geneva)। भारत (India) एक ऐसा देश है, जो कभी भी किसी की मदद करने से पीछे नहीं हटता था। वह जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा आगे खड़ा रहा है। इसी क्रम में, उसने गरीबी और भूख (poverty and hunger) से निपटने के लिए 10 लाख डॉलर का योगदान (Contribution of 1 million dollars) दिया है। यह दान भारत (India), ब्राजील (Brazil) और दक्षिण अफ्रीका (South Africa) द्वारा चलाए जा रहे एक फंड में दिया गया है।


    रुचिरा कंबोज ने सौंपा चेक
    संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका गरीबी एवं भूख उन्मूलन (IBSA) फंड के योगदान के रूप में संयुक्त राष्ट्र दक्षिण-दक्षिण सहयोग कार्यालय (UNOSSC) की निदेशक दीमा अल-खातिब को सोमवार को 10 लाख डॉलर का चेक सौंपा।

    भारत का ध्यान लोगों के विकास पर
    कंबोज ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता का ध्यान ‘लोगों का, लोगों द्वारा और लोगों के लिए विकास’ पर था। उन्होंने कहा कि भारत आईबीएसए फंड का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि हम मानते हैं कि फंड ने ग्लोबल साउथ में लाखों लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। इसके अलावा, दक्षिण-दक्षिण सहयोग की भावना को मजबूत किया है।

    हर साल देते हैं 10 लाख डॉलर
    संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका आईबीएसए फंड में हर साल 10 लाख डॉलर का योगदान करते हैं।

    अभी तक इतना योगदान
    वर्ष 2004 में आईबीएसए फंड की स्थापना और साल 2006 में काम शुरू होने के बाद से अबतक इस फंड में भारत 1.8 करोड़ डॉलर से अधिक का दान दे चुका है। संयुक्त राष्ट्र दक्षिण-दक्षिण सहयोग कार्यालय इस फंड के फंड मैनेजर और सचिवालय के रूप में कार्य करता है।

    क्या है आईबीएसए फंड का काम
    IBSA फंड उन परियोजनाओं का समर्थन करता है, जिनका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देना और एचआईवी/एड्स को संबोधित करने के लिए, सुरक्षित पेयजल तक पहुंच प्रदान करना है। इस फंड ने ग्लोबल साउथ के 37 देशों में 45 परियोजनाओं का समर्थन करते हुए अब तक 50.6 करोड़ डॉलर आवंटित किए हैं।

    तीन परियोजनाओं को दी मंजूरी
    इस साल, आईबीएसए फंड ने पहले ही तीन परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है, जिनमें दक्षिणी बेलीज में माइक्रो-ग्रिड का उपयोग करके ग्रामीण विद्युतीकरण, दक्षिण सूडान में सतत कृषि को चलाने के लिए महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाना और फलस्तीन में कृषि-व्यवसाय विकास में निवेश शामिल हैं।

    पिछले महीने हुई थी बैठक
    यूएनओएसएससी ने कहा कि फंड के निदेशक मंडल की पिछले महीने यहां बैठक हुई, जिसमें बेलीज, फलस्तीन और दक्षिण सूडान के लिए 30 लाख डॉलर के नए वित्तपोषण के तीन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसने 2024 में शुरू होने के लिए माली में एक परियोजना के डिजाइन को भी मंजूरी दी।

    एक परियोजना बेलीज के टोलेडो जिले में हाशिए के समुदायों में अक्षय ऊर्जा तक पहुंच बढ़ाएगी। देश के इस जिले में सबसे अधिक गरीबी दर है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने एक बयान में कहा कि परियोजना का लक्ष्य 166 घरों में सौर उपकरण, एक स्कूल और एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उपलब्ध कराना है।

    दक्षिण सूडान में परियोजना का उद्देश्य सब्जी और मछली उत्पादन में वृद्धि करना और वितरण बाजारों का विस्तार करना है, ताकि राज्य में पोषण, खाद्य सुरक्षा और आजीविका में सुधार हो सके। आठ सब्जी उत्पादन समूहों में 48 मुखिया और 30 परिवार प्रमुखों के चार मत्स्य पालन समूहों का समर्थन किया जाएगा। फलस्तीन में परियोजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में महिलाओं, युवाओं और हाल के स्नातकों के लिए स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करना है।

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