जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष निकाय ने पाकिस्तान में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, विशेषकर महिलाओं को लेकर खतरों पर चिंता जतायी है। इसके साथ ही निकाय ने पाकिस्तान के नेतृत्व से आह्वान किया कि वह धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काए जाने की निंदा करे तथा विभिन्न प्रकार की विचारधाराओं का सम्मान करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करे।
मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता रूपर्ट कोविल ने जिनेवा में कहा कि संयुक्त राष्ट्र का मानवाधिकार निकाय पाकिस्तान में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, खासकर महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को भड़काने के कई मामलों से चिंतित है।
उन्होंने कहा कि निकाय ऐसे मामलों पर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से नजर रख रहा है। उन्होंने एक बयान में कहा कि ईशनिंदा के आरोप विशेष रूप से चिंता पैदा करने वाले हैं क्योंकि इसमें आरोपी के खिलाफ हिंसा का खतरा बढ़ जाता है।
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार निकाय ने पाकिस्तानी नेतृत्व से धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काए जाने की निंदा करने का आह्वान किया और कहा कि ऐसा लगता है कि व्यक्तिगत या राजनीतिक रूप से बदला लेने के लिए ईशनिंदा कानून के उपयोग में वृद्धि हुयी है।
बयान में कहा गया है कि पिछले साल अपनी रिपोर्टिंग को लेकर कम से कम चार पत्रकारों और ब्लॉगरों की हत्या कर दी गयी। उनमें से एक अरूज इकबाल भी थीं जिनकी लाहौर में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी क्योंकि उन्होंने अपना समाचार पत्र शुरू करने की बात की थी
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