नई दिल्ली: इजरायल-हमास जंग के बीच कल इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के बयान के बाद कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. यहां तक कि इजरायल ने एंटोनियो गुटेरेस से इस्तीफा तक मांग लिया. इसके बाद गुटेरेस ने अपने बयान को लेकर हंगामे के बीच बुधवार को अपनी टिप्पणियों की ‘गलत व्याख्या’ किए जाने पर हैरानी व्यक्त की और कहा कि उन्होंने हमास के आतंकी कृत्यों को उचित नहीं ठहराया.
गुटेरेस ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं सुरक्षा परिषद में कल दिए गए मेरे कुछ बयानों की गलत व्याख्या से हैरान हूं. ऐसे दिखाया गया कि मैं हमास के आतंकी कृत्यों को उचित ठहरा रहा हूं. यह गलत है.’ गुटेरेस ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा था, ‘यह भी मानना महत्वपूर्ण है कि हमास द्वारा किए गए हमले अकारण नहीं हुए. फिलिस्तीन के लोगों को 56 वर्षों से घुटन भरे कब्जे का सामना करना पड़ रहा है.’
गुटेरेस ने कहा था, ‘उन्होंने अपनी जमीन को लगातार (यहूदी) बस्तियों द्वारा हड़पते और हिंसा से ग्रस्त होते देखा है. उनकी अर्थव्यवस्था चरमरा गई. उनके लोग विस्थापित हो गए और उनके घर ध्वस्त कर दिए गए. अपनी दुर्दशा के राजनीतिक समाधान की उनकी उम्मीदें खत्म होती जा रही हैं.’
इन टिप्पणियों के बाद, इजरायल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मंगलवार दोपहर को गुटेरेस के साथ होने वाली अपनी बैठक रद्द कर दी. बाद में संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने गुटेरेस के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि इजरायल को इस विश्व निकाय के साथ अपने संबंधों पर पुनर्विचार करना चाहिए.
गुटेरेस ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि मंगलवार को परिषद में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि वह इजरायल में हमास द्वारा सात अक्टूबर को किए गए आतंक के भयावह और अभूतपूर्व कृत्यों की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं. गुटेरेस ने परिषद में की गई अपनी टिप्पणी को दोहराते हुए कहा, ‘नागरिकों की जानबूझकर हत्या, घायल करने और अपहरण या नागरिक ठिकानों के खिलाफ रॉकेट हमलों को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है.’
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने यह भी कहा कि परिषद में उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों की शिकायतों के बारे में भी बात की ‘लेकिन फिलिस्तीनी लोगों की शिकायतें हमास के भयावह हमलों को उचित नहीं ठहरा सकतीं.’ बुधवार को गुटेरेस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘फिलिस्तीनी लोगों की शिकायतें हमास के भयानक हमलों को उचित नहीं ठहरा सकतीं. वे भयानक हमले फिलिस्तीनी लोगों की सामूहिक सजा को उचित नहीं ठहरा सकते.’
मालूम हो कि इजरायल में 1,400 से अधिक लोग मारे गए हैं. इनमें अधिकतर नागरिक थे जो दक्षिणी इजरायल में हमास के शुरुआती हमले में मारे गए थे. गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इजरायली हवाई हमलों में 6,500 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें 2,000 से अधिक बच्चे और 1,100 महिलाएं शामिल हैं, जबकि 15,000 से अधिक घायल हुए हैं.
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