मौक़ा दीजिये अपने खून को किसी की रगों में बहने का
ये लाजवाब तरीका है कई जिस्मों में जि़ंदा रहने का!
अगर ये कहा जाए कि रक्तदान से बड़ा कोई दूसरा दान नहीं तो कोई ज़्यादती न होगी। किसी तश्वीस्नाक मर्ज से मुब्तला या किसी हादसे में जख्मी मरीज को यकबयक खून की ज़रूरत आन पड़ती है। भोपाल के उमेश शर्मा (47) खून देने के मामले में किसी फरिश्ते से कम नहीं। उमेश गुजिश्ता 18 बरसों में 47 बार अपना ब्लड डोनेट कर चुके हैं। उमेश हर साल तीन बार अपना ब्लड डोनेट करते हैं। इनका ब्लड ग्रुप बी-पॉजि़टिव है। उमेश बताते हैं कि अपने दोस्त-अहबाब, मिलने वाले और किसी भी ज़रूरतमंद को खून की ज़रूरत पड़ती है तो वो मुझे फोन करते हैं। एम्स सहित कुछ ब्लड डोनर ग्रुप से भी ये जुड़े हुए हैं। कल ही इन्होंने एक दिल के मरीज को खून दिया। उमेश कई बार ब्लड प्लाज़्मा भी डोनेट कर चुके हैं।
कई बार उमेश ने बर्न केस, सर्जरी से पहले तो कभी किसी हामला औरत को भी एमरजेंसी में ब्लड डोनेट किया है। उमेश ने केंसर और थैलेसीमिया से पीडि़त बच्चों को भी अपना ब्लड दिया है। उमेश बताते हैं ये जीवन किसी की जि़ंदगी बचाने में काम आ सके, इससे बेहतर क्या हो सकता है। ब्लड डोनेट करने के बाद के सुकून को लफ्ज़़ों में बयां नहीं किया जा सकता। ये बताते हैं कि ब्लड डोनर को कोई कमज़ोरी महसूस नहीं होती। कोई भी तंदुरुस्त इंसान साठ बरस की उम्र तक ब्लड डोनेट कर सकता है। उमेश पहले कुछ चैनल्स में वीडियो जर्नलिस्ट थे। अब इन्होने वेडिंग इवेंट मैनेजमेंट, वेडिंग शूटिंग और शॉर्ट फिल्म बनाने का अपना काम शुरु किया है। ये बताते हैं कि अपने लिए तो हर कोई जीता है, इंसान की कोशिश होनी चाहिए कि वो औरों के लिए जिये। खून की ज़रूरत पडऩे पे उमेश से इनके मोबाइल 9302848483 वे राब्ता किया जा सकता है। भोत नेक काम कर रय हो उमेश भाई। ऊपरवाला आपको इस नेक काम का अजर ज़रूर देगा।