नई दिल्ली/लखनऊ। धर्मांतरण मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरोपी मोहम्मद उमर गौतम(accused Mohammad Umar Gautam) से जुड़े 6 परिसरों की तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं, जिससे कथित तौर पर देशभर में उसके और उसके संगठनों द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर धर्मांतरण (conversion) का पता चलता है.
ईडी (ED) के अधिकारियों के मुताबिक, जब्त दस्तावेजों से इन संगठनों द्वारा अवैध रूप से धर्मांतरण ((conversion) के उद्देश्य से कई करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग प्राप्त होने की जानकारी मिली है. ईडी ने आज शनिवार को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के प्रावधानों के तहत दिल्ली और यूपी में स्थित 6 परिसरों पर छापेमारी की.
लखनऊ में दो ठिकानों पर छापेमारी
इस बीच धर्मांतरण के मामले में प्रवर्तन निदेशालय को लखनऊ स्थित दफ्तर से मिले कई अहम दस्तावेज मिले हैं. ईडी ने लखनऊ के दो ठिकानों पर छापेमारी में फंडिंग से जुड़े कई दस्तावेज बरामद किए.
अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन के साथ गाइडेंस एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी के दफ्तर पर ईडी की टीम ने तलाशी ली. अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन का उमर गौतम वाइस प्रेसिडेंट रहा है. लखनऊ के साथ सिद्धार्थनगर में भी एक संस्था के दफ्तर पर छापेमारी की गई.
अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन के खाते में विदेशी फंडिंग हुई थी. दोहा और कतर से भेजी गई 50 लाख की रकम का कोई सही लेखा-जोखा नहीं मिला. ईडी संस्था को हवाला के जरिए पहुंचाई गई रकम का भी ब्यौरा खंगाल रही है. ईडी की टीम ने अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन के पदाधिकारी से भी पूछताछ की है.
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