महोबा: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) शनिवार सुबह कार से महोबा (Mahoba) पहुंचीं पहुंचकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर बड़ा हमला बोला है. साथ ही यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य (Keshav Maurya) के द्वारा बीते दिनों अयोध्या, काशी (Kashi) के बाद मथुरा (Mathura) की बारी वाले बयान को उनकी व्यक्तिगत राय करार दिया. महोबा में बनारस से स्वामी ब्रह्मानंद (Swami Brahmananda) की जयंती में शामिल होने जा रहीं उमा भारती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सीएम योगी को चिलम जीवी बाताने वाले बयान पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है. उन्होंने कहा कि 2017 में भी अखिलेश ने योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को बाबा कहकर अपमानित किया था, जिसका परिणाम उन्हें विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ा था.
उमा भारती ने कहा कि राजनीति में आमर्यादित भाषा का प्रयोग करना अखिलेश यादव को एक बार फिर बहुत भारी पड़ने वाला है. इसके साथ ही उमा भारती ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के अयोध्या काशी के बाद मथुरा की बारी वाले बयान को उनका व्यक्तिगत बयान बताया है. उन्होंने कहा कि यह एजेंडा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पार्टी और विश्व हिंदू परिषद तय करता है. भाजपा आने वाले विधानसभा चुनाव में पहले से भी अधिक सीटें जीतेगी.
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शनिवार सुबह कार से महोबा पहुंचीं. वह बनारस से हमीरपुर के राठ में स्वामी ब्रह्मानंद के जन्मोत्सव में भाग लेने के लिए जाते समय सुबह करीब दस बजे कुछ देर के लिए महोबा में रुकीं. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह गंगा के किनारे ही प्रवास कर रही हैं. बनारस से राठ जा रही हूं, वह जब तेरह साल की थीं तबसे ब्रह्मानंद जी के संपर्क में आईं और उनकी महिमा धीरे-धीरे मेरे मन में बैठती गई.
अखिलेश के चिलमजीवी भाषा के प्रयोग पर कहा कि वह असभ्य भाषा प्रयोग कर रहे हैं. उसका उन्हें परिणाम भुगतना होगा. अपने आपको बड़ा होशियार समझना उनकी भूल है. उसकी 400 सीटों पर जीत की दावेदारी हवा हो जाएगी. भाजपा आने वाले चुनाव में पहले से भी अधिक सीटें जीतेगी.
बुंदेलखंड राज्य निर्माण पर बोलीं उमा भारती
पृथक बुंदेलखंड के सवाल पर कहा कि भाजपा हरदम छोटे राज्यों की पक्षधर रही है. कहा कि बुंदेलखंड का नक्शा कम पड़ रहा है, बुंदेलखंड की मांग करने वाले संगठन दो राज्यों को जोड़ कर पृथक बुंदेलखंड बनाने की मांग रहे थे, इसी लिए समस्या है. मध्यप्रदेश के लोग यहां आने को तैयार नहीं, जनता जब तैयार नहीं होती तो कैसे मिला सकते हैं. बल्कि अटल जी की सरकार में बुंदेलखंड क्षेत्र के नाम से एक संगठन भी बनाया गया था, जिसके अध्यक्ष बाबूराम निषाद बनाए गए थे.
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