निवाड़ी (Niwari)। मध्यप्रदेश (MP) की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) हमेशा अपने बयानों को लेकर मीडिया सुर्खियों में बनी रहती हैं। कभी अपनी ही सरकार द्वारा बनाई गई शराब नीति को लेकर तो कभी राजनीतिक प्रतिक्रियाओं (Political Reactions) को लेकर। इस बार भी इसी तरह उनकी बातों से लग रहा है कि वे अपने ही सांसदों और विधायकों को ट्वीट के जरिए आड़े हाथों लेती नजर आ रही हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि भारती ने मध्य प्रदेश के ओरछा में जिस मधुशाला को गौशाला में तब्दील कर दिया था। उस शराब की दुकान के बंद ना हो पाने के रहस्य से अब परदा उठाया है। उमा भारती ने एक के बाद एक कई सिलसिलेवार ट्वीट किए। उमा भारती ने बीजेपी विधायक और सांसद को इस वाकए का दोषी ठहराते हुए लिखा है कि जब दोनों मिलेंगे तो वह पूछेंगी कि क्या आपको राम का नाम लेने का अधिकार है।
बता दें कि उमा भारती ने ट्वीट कर कहा- ओरछा की शराब की दुकान के नहीं हटाए जाने का रहस्य खुल गया है। हमारी सरकार ने जब दुकान को बंद करने का नोटिस दिया था तो तीन बातें गलत तरीके से प्रस्तुत की गईं। तर्क यह दिया गया कि यह ओरछा के रामराजा सरकार के मंदिर से 1 किलोमीटर से ज्यादा दूर है। यह नहीं बताया गया कि यह रामराजा सरकार के मंदिर के प्रवेश द्वार के मुहाने पर है और रोड के मध्य से केवल 17 फीट की दूरी पर है। पर्यटक वहीं से प्रवेश करते हैं।
उमा भारती ने कहा कि मेरी जानकारी में शिवराज जी को इस विषय की समग्रता से जानकारी नहीं है। मैं शिवराज जी को जानती हूं। यदि यह बात उनकी जानकारी में होती तो यह दुकान बंद हो जाती। शिवराज जी ओरछा में कई बार आते हैं, निवाड़ी जिले के विधायक और सांसद उनको घेरे रहते हैं जिससे वास्तविकता का पता नहीं लग पाता है।
इतनी जानकारी इकट्ठी करने के बाद मैं यहां के सांसद एवं विधायक को शत-प्रतिशत इसके लिए दोषी मानती हूं। वह दोनों हमारे मुख्यमंत्री जी को सत्य से अवगत ही नहीं करा पाए। अब मैं इन दोनों से बात करूंगी। मैं इन दोनों से पूछूंगी कि क्या इन्हें राम का नाम लेने एवं रामराजा सरकार की जय बोलने का अधिकार है? एक दिन पहले उमा भारती ने ट्वीट कर कहा था कि मैं भाजपा, राज्य सरकार या शिवराज जी के खिलाफ नहीं हूं। मेरे लिए तो शराब मेरी दुश्मन है और गंगा जी मेरी इष्ट हैं।
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