बनारस । भाजपा की वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) ने कृषि कानून (Agricultural law) को वापस लेने (Return) के सरकार के फैसले पर हैरानी जताई (Expressed surprise) है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी (PM Modi) ने कानूनों की वापसी के समय जो कहा (Whatever said) वह उन्हें व्यथित (Upset) कर गया।
इन दिनों बनारस प्रवास पर यूपी पहुंचीं उमा भारती ने ट्वीट कर ये बातें कही है। बीजेपी नेता ने कहा- “मैं पिछले चार दिनों से वाराणसी में गंगा किनारे हूं। दिनांक 19 नवम्बर 2021 को हमारे प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी ने जब तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा की तो मैं अवाक रह गई। इसलिए तीन दिन बाद प्रतिक्रिया दे रही हूं”।
कृषि कानूनों पर प्रतिक्रिया देते हुए उमा भारती ने कहा कि अगर कानूनों की महत्ता पीएम मोदी किसानों को नहीं समझा पाए तो उसमें हम सब भाजपा के कार्यकर्ताओं की कमी हैं। हम क्यों नहीं किसानों से ठीक से सम्पर्क और संवाद कर सके। इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी के फैसले के समय के संबोधन पर कहा- “कानूनों की वापसी करते समय जो उन्होंने कहा, वह मेरे जैसे लोगों को बहुत व्यथित कर गया”।
अन्य बीजेपी की नेताओं की तरह ही उमा भारती ने भी पीएम मोदी के इस फैसले को साहसी और महानता से भरा हुआ बताया। उन्होंने कहा कि मेरे नेता ने तो कानूनों को वापस लेते हुए भी अपनी महानता स्थापित की है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी बहुत गहरी सोच एवं समस्या के जड़ को समझने वाले प्रधानमंत्री हैं। जो समस्या की जड़ को समझता है, वह समाधान भी पूर्ण रूप से करता है। भारत की जनता और पीएम मोदी का आपस का समन्वय, विश्व के राजनीतिक, लोकतांत्रिक इतिहास में अभूतपूर्व है।
बीजेपी नेता ने कृषि कानूनों के लिए विपक्ष पर दुष्प्रचार करने का भी आरोप लगाया। भारती ने आगे कहा- कृषि कानूनों के संबंध में विपक्ष के निरन्तर दुष्प्रचार का सामना हम नहीं कर सके। इसी कारण से उस दिन प्रधानमंत्री मोदी जी के सम्बोधन से मैं बहुत व्यथित हो रही थी”। बता दें कि 19 नवंबर को पीएम मोदी ने उन तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था, जिसके खिलाफ लगभग एक साल से किसान आंदोलन कर रहे हैं।
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