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    अत्याधुनिक व भविष्योन्मुखी शिक्षा से युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने में मदद मिलेगी : ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू

  • October 28, 2023


    शिमला । मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Thakur Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा कि अत्याधुनिक व भविष्योन्मुखी शिक्षा (Ultramodern and Future-Oriented Education) से युवाओं (Youth) को रोजगार व स्वरोजगार से (With Employment and Self-employment) जोड़ने में मदद मिलेगी (Will Help in Connecting) । सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग से इस क्षेत्र से संबंधित नए पाठ्यक्रम शुरू करना समय की मांग है। वर्तमान प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में शिक्षा क्षेत्र में अत्याधुनिक पाठ्यक्रम शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।


    मुख्यमंत्री का मानना है कि अत्याधुनिक व भविष्योन्मुखी विषयों से संबंधित शिक्षा से युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने में मदद मिलेगी और उनकी ऊर्जा का भी बेहतर दोहन किया जा सकता है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स, मैक्ट्रोनिक्स, सौर टेक्निशियन तथा इलेक्ट्रिक व्हीकल मैकेनिक जैसे नए क्षेत्रों में रोजगार व स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश सरकार इन क्षेत्रों में युवाओं को शिक्षित व प्रशिक्षित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। इसी का परिणाम है कि वर्ष 2023-24 के दौरान राज्य के 17 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में आधुनिक प्रासंगिक व्यवसायों की 19 इकाइयां शुरू की गई हैं। इनमें आईटीआई रैल, ऊना, पालमपुर, शाहपुर और नगरोटा बगवां में इंटरनेट ऑफ थिंग्स टैक्निशियन (स्मार्ट सिटी) विषय शुरू किया गया है।

    इसी प्रकार आईटीआई रैल, पंडोगा, नाहन, गरनोटा और प्रगतिनगर में मैकेनिक इलेक्ट्रिकल व्हीकल, आईटीआई घुमारवीं एवं अर्की में फाइबर टू होम टैक्निशियन, आईटीआई सुन्नी व शाहपुर में टेक्निशियन मैट्रोनिक्स, आईटीआई जुब्बल, सुन्दरनगर (पीडब्ल्यूडी), शमशी और बालकरूपी में सौर टेक्निशियन (इलेक्ट्रिकल) तथा आईटीआई नालागढ़ में मैंटेनेंस मैकेनिक (रसायनिक संयंत्र) की इकाइयां शुरू की गई हैं। प्रदेश सरकार हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। इसके लिए विद्युत चालित वाहनों के अधिकाधिक उपयोग तथा सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए युवाओं को प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है।

    इस तरह के नए पाठ्यक्रम शुरू होने से इन क्षेत्रों में विशेषज्ञ व प्रशिक्षित मानव संसाधन प्रदेश में ही उपलब्ध हो सकेगा। महाविद्यालय स्तर पर भी नए पाठ्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। राजकीय हाईड्रो इंजीनियरिंग महाविद्यालय बंदला में कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं डाटा साइंस), राजकीय बहुतकनीकी संस्थान रोहड़ू में कंप्यूटर इंजीनियंरिग एवं आइईओटी डिप्लोमा कोर्स तथा राजकीय बहुतकनीकी संस्थान चम्बा में मैक्ट्रोनिक्स डिप्लोमा कोर्स शैक्षणिक सत्र 2023-24 से आरंभ कर दिए गए हैं। इनमें लगभग शत-प्रतिशत प्रवेश दर्ज हुआ है। इसके अतिरिक्त अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज प्रगतिनगर में इलैक्ट्रॉनिक्स एवं कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग का डिप्लोमा कोर्स इसी शैक्षणिक सत्र से आरंभ किया गया है।

    युवाओं के सर्वांगीण विकास के दृष्टिगत विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं भी सफलतापूर्वक क्रियान्वित की जा रही हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के साथ मिलकर उन्हें शैक्षणिक आदान-प्रदान का अवसर भी प्रदान किया जा रहा है। राजकीय बहुतकनीकी संस्थानों के 38 बच्चों तथा इंजीनियरिंग कॉलेजों व बहुतकनीकी संस्थानों के 20 संकाय को आईआईटी मंडी में एक सप्ताह का रोबोटिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों के 20 संकाय को सेमीकंडक्टर इको सिस्टम के लिए आईआईटी रोपड़ एवं दिल्ली भेजा गया है। राजकीय बहुतकनीकी एवं इंजीनियरिंग के 10 संकाय एवं 10 छात्र-छात्राओं को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान ऊना में पांच दिन के मशीन लर्निंग एवं एप्लीकेशन में आधुनिक विकास कोर्स के लिए भेजा गया। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत 44 प्रशिक्षुओं को नियुक्ति किया गया है।

    पाठ्यक्रम पूरा होने के उपरांत युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल के दौरान सभी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों, फार्मेसी महाविद्यालयों, बहुतकनीकी और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से लगभग 2069 प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न औद्योगिक इकाईयों में रोजगार मेले, कैंपस साक्षात्कार व संयुक्त कैंपस साक्षात्कार के माध्यम से रोजगार उपलब्ध करवाए गए हैं। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि प्रदेश के युवा ऊर्जा एवं उत्साह से भरपूर हैं और उन्हें भविष्योन्मुखी पाठ्यक्रमों से जोड़ते हुए पारंगत करने की आवश्यकता है। इससे वे स्वयं तो रोजगार व स्वरोजगार प्राप्त कर ही सकते हैं, वहीं प्रदेश के तीव्र विकास में भी अपना उल्लेखनीय योगदान देने की लिए सक्षम बन सकेंगे।

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