लखनऊ। मुस्लिम समाज (Muslim Community) की शादियों (Wedding) में फिजूलखर्ची और नए रिवाजों को रोकने के लिए कड़े निर्णय लिए गए हैं। गुरुवार को नगर पंचायत ढकिया में हुए तंजीम इस्लाह ए उम्म्मत (Tanzeem Islah e Ummat) और तंजीम फलाहे उम्मत (Tanzeem Falahe Ummat) के अंतरराज्यीय सम्मेलन (interstate convention) में दूल्हे का स्वागत लड़कियों से करने और डीजे व बैंड बाजे के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई गई।
निर्णय लिया गया यदि शादी में ऐसा होता है तो उलेमा निकाह नहीं पढ़ाएंगे और ऐसे परिवारों को सामाजिक स्तर पर बहिष्कार किया जाएगा। गुरुवार को तंजीम इस्लाह-ए-उम्मत और तंजीम फलाह-ए-उम्मत के तत्वावधान में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के उलेमाओं का दीनी सम्मेलन नगर पंचायत ढकिया के हाजी नूर हसन के पधान मैरिज हॉल में गुरुवार को आयोजित किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता बरेली शरीफ मरकज-ए-अहले सुन्नत के दारुल उलूम मंजर-ए-इस्लाम के प्रिंसिपल हजरत अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद आकिल रिजवी और संचालन हजरत अल्लामा कारी सखावत हुसैन रिजवी ने किया। सम्मेलन में मुस्लिम समाज में शादियों में बढ़ती फिजूलखर्ची और गलत रस्मों को रोकने पर विचार किया गया। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि तमाम उलेमा शादियों में डीजे, बाजा बजाने और पटाखे छोड़ने के रिवाजों को बंद कराएंगे। मुस्लिम समाज की बारात में दूल्हा का स्वागत लड़कियों से कराने पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी। जो लोग नाफरमानी करेंगे उनकी शादियों में उलेमा और समाज के जिम्मेदारान और प्रभावशाली लोग शिरकत नहीं करेंगे। जिद्दी लोगों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा और उलेमा ऐसी शादियों में निकाह नहीं पढ़ाएंगे। सम्मेलन में मुख्य रूप से व्यापार मंडल संरक्षक हाजी मुख्तार सैफी, मदरसा रफीक उल उलूम के प्रिंसिपल कारी मुईद, उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हाजी रईस बल्ले खान, भाकियू नेता हाजी गुलजार खान, आसिफ रजा खान, मौलाना मुस्तफा, पूर्व ब्लाक प्रमुख मुजाहिद अली, शावेज अली, हाजी नूर हसन, मुफ्ती मोहम्मद अयूब,कलीम अहमद कादरी आदि मौजूद रहे।