
कीव। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से पेश किए गए शांति प्रस्ताव ने यूक्रेनी अधिकारियों को हैरान कर दिया। दरअसल, इस प्रस्ताव में क्रीमिया पर रूस के कब्जे को मान्यता देने की बात की गई है। इसे यूक्रेनी अधिकारी स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि वे क्रीमिया का औपचारिक आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, भले ही उन्हें यह क्षेत्र अस्थायी रूप से रूस को सौंपना पड़े।
रूस ने 2014 में अवैध तरीके से क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। यूक्रेन के लिए इस क्षेत्र को छोड़ना राजनीतिक और कानूनी रूप से बहुत मुश्किल है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसके लिए यूक्रेनी संविधान में बदलाव और राष्ट्रीय जनमत संग्रह की जरूरत होगी, जो कि संभव नहीं है। यूक्रेन सरकार और जनता इस विचार के खिलाफ है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की पार्टी के विधायक ओलेक्जेंडर मिरेजखों ने कहा, हम कभी भी क्रीमिया को रूस का हिस्सा नहीं मानेंगे। अगर यह आत्मसमर्पण स्वीकार कर लिया जाता है, तो क्रीमिया हमेशा के लिए रूस के हवाले कर दिया जाएगा और भविष्य में उसे फिर से हासिल करने की उम्मीद भी खत्म हो जाएगी।
हालांकि, यूक्रेनी जनता यह मानती है कि शांति समझौते के हिस्से के रूप में कुछ क्षेत्रों को छोड़ना पड़ेगा, क्योंकि सैन्य रूप से उन्हें वापस हासिल करना संभव नहीं है। हाल के जनमत सर्वेक्षणों से यह भी पता चलता है कि जनता एक समझौते के बदले इस फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘क्रीमिया रूस के पास रहेगा। जेलेंस्की जानते हैं और हर कोई जानता है कि यह लंबे समय से रूस के पास है।’ उनका यह बयान यूक्रेन पर दबाव डालने के लिए था, ताकि वह युद्ध को खत्म करने के लिए कुछ इलाकों को छोड़ने के लिए तैयार हों।
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