नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच कुछ दिनों से जंग जारी है, लेकिन अभी तक कोई सुलह होती नजर हो रही है। वहीं, रूस की सेना के सामने यूक्रेन के कुछ हथियार ढाल बनकर खड़े हुए हैं। शुरुआत में जानकारी मिली थी कि रूस अब यूक्रेन की सेना (Ukraine Army) को 2 दिनों के भीतर ही निपटा देगा। लेकिन इतने दिनों के बाद भी रूसी सेना यूक्रेन पर हावी नहीं हो सकी है।
खबरें आ रही हैं कि इस जंग में रूसी वायु सेना (Russian Air Force) को भी भारी नुकसान हो रहा है, लेकिन रूस की ओर से भी यूक्रेन में नुकसान की कई खबरें आ रही हैं। यूक्रेन इस युद्ध में इसलिए टिका हुआ है, क्योंकि यूक्रेन के पास वो अमेरिकी एयर डिफेंस (american air defense) सिस्टम मौजूद है जिसे स्टिंगर मिसाइल्स के नाम से जाना जाता है। ये वही स्टिंगर मिसाइल (Stinger Missile) है जिसने कई दशक पहले अफगानिस्तान युद्ध (afghanistan war) में भी रूसी सेना को नाकों चने चबवा दिए थे और उस युद्ध में रूस यानी सोवियत संघ की हार की बड़ी वजह बनी थी। यही वजह है कि अब अमेरिका समेत उसके कई सहयोगी देशों ने यूक्रेन की मदद के लिए स्टिंगर मिसाइल्स की सप्लाई बढ़ा दी है।
‘ब्रह्मास्त्र’ अमेरिका का खास हथियार है, जो कम ऊंचाई पर उड़ रहे किसी भी तरह के एयरक्राफ्ट को मार गिरा सकता है। यूक्रेन की ओर से आई जानकारी में बताया गया है कि अभी तक रूस के 50 से ज्यादा एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर मार गिरा दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि इसमें यूक्रेन की स्टिंगर मिसाइल अहम रोल निभा रही है और इसकी खास मारक क्षमता की वजह से रूस की सेना का यूक्रेन जवाब दे पा रही है।
इस मिसाइल को कोई भी व्यक्ति कंधे पर रखकर फायर कर सकता है। इससे फायर करने के लिए खास इक्किवप्मेंट (equipment) की आवश्यकता नहीं होती है और कंधे पर रखकर इसे फायर किया जा सकता है और दुश्मन एयरक्राफ्ट को गिराया जा सकता है। बताया जाता है कि इससे पहले भी जब रूस जंग के मैदान में उतरा था तो इस मिसाइल की वजह से रूस की आर्मी को काफी दिक्कत हुई थी। ये बात अफगानिस्तान की है और उस वक्त भी रूस की अफगानिस्तान से विदाई हो गई थी।
अब इस जंग को देखते हुए और इसकी जरूरत को देखते हुए बाहरी देशों ने इसकी मांग बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि अब जर्मनी भी यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति कर रहा है, जिसमें ये खास मिसाइल भी शामिल है। अब ये मिसाइल ही रूस की आर्मी को भारी नुकसान पहुंचाने का काम कर रही है और जब तक कि युद्ध का कोई निषकर्ष नहीं निकल जाता, तब तक इस मिसाइल के सटीक निशाने रूस के लिए दिक्कत बने रहेंगे।
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