कीव (Kiev)। जंग (War) के बीच किसी देश का अपने यहां के सैन्य अधिकारियों को हटाने के मामले बहुत ही कम देखने को मिलते हैं. अगर ऐसा होता है, तो इसके पीछे कोई ठोस वजह जरूर होती है. ऐसा ही कुछ यूक्रेन (Russia Ukraine War) में देखने को मिला है, जहां राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की (President Volodymyr Zelensky) ने अपने सारे सैन्य अधिकारियों (fired all military officers) को नौकरी से निकाल दिया।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भ्रष्टाचार का हवाला देते हुए देश के हर क्षेत्र में सैन्य भर्ती करने वाले अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया. उन्होंने कहा कि युद्ध के समय भ्रष्टाचार करना देशद्रोह के बराबर है. यूक्रेन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार पसरा हुआ है. युद्ध से पहले भी लोगों को भ्रष्टाचार जैसी समस्या से जूझना पड़ता था. इस बार ये सेना में भी देखने को मिल रहा है।
सैन्य अधिकारियों संग मीटिंग के बाद लिया फैसला
दरअसल, जेलेंस्की ने सीनियर सैन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक की. इसके बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘हम सभी स्थानीय मिलिट्री आयुक्तों को हटा रहे हैं. इस सिस्टम को उन लोगों को चलाना चाहिए, जिन्हें मालूम है कि युद्ध क्या है और युद्ध के समय संशयवाद और रिश्वतखोरी देशद्रोह क्यों मानी जाती है.’ यूक्रेन रूस के साथ पिछले साल फरवरी से ही युद्ध लड़ रहा है।
भ्रष्टाचार खत्म करने की उठी मांग
रूस के साथ चल रहे युद्ध में लड़ने के लिए यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों से युवाओं की भर्ती की जा रही है. जिन सैन्य अधिकारियों को नौकरी से निकाला गया है, उनका काम अलग-अलग क्षेत्रों से यूक्रेन की सेना के लिए युवाओं को नियुक्त करना था. पश्चिमी मुल्कों और यूरोपियन यूनियन जैसे संगठनों की तरफ से लगातार मांग की जा रही थी कि यूक्रेन को अपने यहां होने वाले भ्रष्टाचार पर रोक लगानी चाहिए।
यूक्रेन सरकार की ओर से सैन्य अधिकारियों को नौकरी से निकालना इस कड़ी में एक शुरुआत भर है. राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया कि जिस तरह से सैन्य अधिकारियों ने नियुक्ति में भ्रष्टाचार किया है, वो देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है. इसकी वजह से देश के संस्थानों की साख पर असर पड़ा है. अब सेना प्रमुख सैन्य नियुक्त प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अधिकारी चुनेंगे।
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