कीव । यूक्रेन (Ukraine) पर रूस हमले (Russia attack) के डेढ़ महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद युद्ध (war) की तीव्रता कम होने का नाम नहीं ले रही है। दोनों देश एक-दूसरे पर बढ़त बनाने का दावा कर रहे हैं। यूक्रेन ने एक रूसी युद्धपोत ‘मॉस्कवा’ (warship Moskva) को उड़ाने का दावा किया है, वहीं रूस ने एक हजार यूक्रेनी सैनिकों के समर्पण का दावा किया है। इस बीच रूस पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत रूस के चार पड़ोसी देशों के राष्ट्रपति यूक्रेन पहुंचे हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच लगातार जारी युद्ध जल, थल व नभ, हर क्षेत्र में लड़ा जा रहा है। यूक्रेनी सेना ने मिसाइलों से हमले कर काला सागर में तैनात रूस के एक युद्धपोत ‘मॉस्कवा’ को उड़ा दिया है। ओडेसा के गवर्नर मैक्सिम मार्चेंको के मुताबिक काला सागर की रक्षा करने वाली नेपच्यून मिसाइलों ने रूसी युद्धपोत पर हमला कर उसे नष्ट कर दिया है। उन्होंने यूक्रेन की विजय का विश्वास व्यक्त किया।
यूक्रेन के इस दावे के जवाब में रूस ने एक हजार यूक्रेनी सैनिकों के आत्मसमर्पण का दावा किया है। रूस के रक्षा मंत्रालय का दावा है कि मारियूपोल में यूक्रेन के एक हजार से अधिक सैनिक रूस के सैनिकों के सामने टिक नहीं सके और उन्हें आत्मसमर्पण करना पड़ा।
युद्ध के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस पर दबाव बनाने की कोशिशें भी हो रही हैं। इसी कोशिश के तहत रूस के चार पड़ोसी देशों पोलैंड, लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया के राष्ट्रपति यूक्रेन की यात्रा पर है। इन सभी राष्ट्रपतियों ने यूक्रेन की ताजा स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के समर्थन का एलान भी किया।
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