नई दिल्ली। यूक्रेन (Ukraine Crisis) में इस समय रूसी सैनिकों का कहर (Russian soldiers’ havoc) जारी है. रूस ने जिस अंदाज में चौतरफा हमला किया है, यूक्रेन बुरी तरह घिर चुका है और जमीन पर अफरा-तफरी (chaos on the ground) का माहौल बना हुआ है. स्थिति इतनी खराब है कि अब कई लोगों को खाने के भी लाले पड़ गए हैं. सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें वायरल हैं जहां पर खाने के लिए भी लंबी-लंबी लाइने लग रही हैं।
अब उन उदासीन तस्वीरों के बीच एक वीडियो ने पूरे यूक्रेन को नई उम्मीद दी है. ये वीडियो गुरु के लंगर (Guru’s Langar) की है जो एक ट्रेन में चलाया जा रहा है. बताया गया है कि पूर्वी यूक्रेन से पश्चिम की ओर एक ट्रेन सक्रिय है. उसी ट्रेन में हरदीप सिंह नाम के शख्स लोगों की सेवा कर रहे हैं, सभी को खाना खिला रहे हैं. वीडियो में भी दिख रहा है कि चलती ट्रेन में कई लोगों को लंगर खिलाया जा रहा है. ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और हर कोई इस सेवा की तारीफ करता नहीं थक रहा है।
#Ukraine: Guru Ka Langar on a train
These guys were fortunate to get on this train which is travelling east of Ukraine to the west (to Polish border )
Hardeep Singh has been providing Langar and assistance to many students from different countries.What a guy#UkraineRussia pic.twitter.com/CyWZnWVePz
वैसे Khalsa Aid के CEO रविंदर सिंह ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि ये लोग काफी खुशकिस्मत रहे कि वे उस ट्रेन में यात्रा कर रहे थे जहां पर हरदीप सिंह सभी को लंगर खिला रहे हैं. दूसरे देश के फंसे कई छात्रों को भी मदद दी जा रही है. इस समय कई दूसरे संगठन भी आगे आकर यूक्रेन में मदद कर रहे हैं. कोई रहने के लिए जगह दे रहा है तो कोई दूसरी सहायता करने का प्रयास कर रहा है।
ये सब इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि रूस के हमले की वजह से यूक्रेन में स्थिति भयावह बन गई है. जगह-जगह बम धमाके हो रहे हैं, गोलियों की तड़तड़ाहट देखने को मिल रही है और रॉकेट दागे जा रहे हैं। अभी भी ये युद्ध शांत नहीं पड़ा है और दोनों तरफ से हमले जारी हैं. यूक्रेन तो यहां तक दावा कर रहा है कि उसकी सेना ने कीव से रूसी सैनिकों को खदेड़ दिया है, वहीं ये भी कहा गया है कि अब तक 1000 के करीब रूसी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया गया है।
रूस ने इन दावों को गलत बताया है और लगातार यूक्रेन से हथियार डालने की अपील कर रहा है. बातचीत की टेबल पर आने की तैयारी जरूर है, लेकिन कंडीशन्स इतनी ज्यादा हैं कि बात आगे बढ़ने के बजाय बिगड़ रही हैं।
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