कीव: रूस-यूक्रेन युद्ध लगातार जारी है. रूस और यूक्रेन दोनों एक दूसरे पर आधुनिक हथियारों से हमला कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से यूक्रेन रूस पर लगातार हमला कर रहा है. इस बीच यूक्रेन ने रूस पर सोवियत-युग के ड्रोन से हमला किया है. यूक्रेन ने घरेलू मॉडिफाइड सोवियत-युग के ड्रोन का उपयोग करके अपनी सीमा से सैकड़ों मील की दूरी पर दो रूसी ठिकानों पर हमला किया.
‘पोलिटीको’ से बात करते हुए इस ऑपरेशन से परिचित दो अधिकारियों ने बताया कि हमले में इस्तेमाल किए गए ड्रोन सोवियत काल से बचे संशोधित टीयू-141 निगरानी विमान थे. जिस तरह से ड्रोन को मॉडिफाइ किया गया वो यूक्रेनी रक्षा उद्योग की नवाचार (इनोवेशन) करने की क्षमता का प्रदर्शन करते हैं. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि रूस जैसे मजबूत देश को भी हवाई युद्ध का संचालन करने के लिए सस्ते ईरानी ड्रोन खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
पश्चिमी देशों ने नहीं पूरी की यूक्रेन की मांग
यूक्रेन द्वारा किये गये हमले ने यह साबित कर दिया है कि कीव किस हद तक रूस के अंदर सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम है. पिछले कुछ दिनों से यूक्रेन लगातार रूस पर हमलावर है. आपको बता दें यूक्रेन महीनों से पश्चिमी देशों से लंबी दूरी की मिसाइल और ड्रोन की मांग कर रहा था. लेकिन अमेरिका और यूरोप ने उसकी मांग पूरा नहीं की. ‘पोलिटीको’ से बात करते हुए नाम न छापने की शर्त पर यूक्रेनी सरकार के साथ काम करने वाले एक अधिकारी ने कहा कि ड्रोन की सफलता एक आश्चर्य थी. रूस ने इस तरह के किसी भी चीज की उम्मीद नहीं की थी.
ड्रोन हमले में 3 लोगों की मौत
गौरतलब है कि इस सप्ताह रूसी सरकार ने माना है कि ड्रोन हमलों में तीन रूसी सेवा सदस्यों की मौत हो गई और दो हवाई जहाज क्षतिग्रस्त हो गए. लोगों ने कहा कि विमान में सवार तकनीक यूक्रेनी निर्मित थी और अमेरिका या किसी अन्य पश्चिमी देश द्वारा प्रदान नहीं की गई थी. यूक्रेन ने अभी तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार माईखाइलो पोडोलीक ने हमलों के बाद एक ट्विटर पोस्ट में मास्को पर ताना मारते दिखे. उन्होंने लिखा, “अगर अन्य देशों के हवाई क्षेत्र में कुछ लॉन्च किया गया है, तो अभी या बाद में अज्ञात उड़ने वाली वस्तुएं प्रस्थान बिंदु पर वापस आ जाएंगी, पृथ्वी गोल है.”
रूस को लगातार नुकसान पहुंचा रहा है यूक्रेन
ये पहली बार नहीं है जब स्वदेशी रूप से निर्मित यूक्रेनी तकनीक ने प्रमुख रूसी ठिकानों को निशाना बनाया है. अप्रैल में, यूक्रेन ने अपनी नेप्च्यून मिसाइलों को रूसी क्रूजर मोस्क्वा पर लॉन्च किया, क्योंकि यह काला सागर में संचालित था. उन हमलों ने काला सागर में रूसी बेड़े को और अधिक संपत्तियों को खोने के डर से बंदरगाह में अन्य जहाजों को न रखते हुए तट से दूर संचालित करने के लिए मजबूर किया. आपको बता दें कि लंबी दूरी के ड्रोन और गोला-बारूद के बिना भी यूक्रेन लगातार रूस को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है. यूक्रेन ने अगस्त में, क्रीमिया में रूस के सबसे बड़े हवाई ठिकाने पर हुए कई विस्फोटों ने भी गंभीर नुकसान पहुंचाया था. जिसमें सेटेलाइट तस्वीरों में दिखाया गया था कि कम से कम आठ लड़ाकू विमान नष्ट हो गए थे या हमले में क्षतिग्रस्त हो गए थे.
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