नई दिल्ली । रेलवे (Railway) के आत्मनिर्भर भारत (Self Reliant India) के तहत तैयार हुई वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) पर यूक्रेन (Ukraine) ने ब्रेक लगा दिया है (Applied Brakes) । अब पहियों (Wheels) का ऑर्डर (Order) चेक गणराज्य, पोलैंड और अमेरिका (Poland and America) को दिया गया है (Given) । दरअसल भारत ने यूक्रेन में आधारित कंपनी को 36,000 पहियों के लिए 16 मिलियन डॉलर की कीमत पर ऑर्डर दिए थे।
यूक्रेन पहियों का दुनिया के सबसे बड़े सप्लायर्स में से एक है। यूक्रेन ने युद्ध में ज्यादातर कर्मचारियों व कंपनियों ने नए उत्पादन को बंद कर दिया है। वंदे भारत में लगने वाले इन पहियों को यूक्रेन के ब्लैक सी पोर्ट से महाराष्ट्र के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट तक लाने की योजना थी, लेकिन अब इसमें देरी होगी। समय पर डिलिवरी नहीं होने से 7,500 करोड़ रुपए का यह प्रोजेक्ट अटक गया है, वहीं रेल राज्यमंत्री दर्शनाबेन जरदोश के अनुसार, यूक्रेन से व्हील और एक्सल को जहाज व विमान से मंगाने पर विचार किया जा रहा है। इस पर जल्द विदेश मंत्रालय निर्णय कर सकता है।
फिलहाल यूक्रेन से पड़ोसी देश रोमानिया लाकर तैयार हुए 128 पहियों को वहां से एयर लिफ्ट कराया जायेगा। जिसकी मदद से वंदे भारत का ट्रायल शुरू किया जायेगा। सूत्रों के अनुसार, यूक्रेन में युद्ध के चलते अब भारत ने स्पीड ट्रेनों में लगने वाले पहियों के आर्डर चेक गणराज्य, पोलैंड और अमेरिका को दे दिए हैं। अन्य देशों के साथ आर्डर देने के कदम से खरीद की लागत काफी हद तक बढ़ जाएगी।
हालांकि चैन्नई स्थित इंटरनल कोच फैक्ट्री के पूर्व जनरल मैनेजर सुधांशु मणि के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से सप्लाई को लगा झटका रेलवे के लिए बड़ी रूकावट नहीं है। पहियों का रैक वैसे भी मई से पहले नहीं आने वाला था। और अब यह जून या जुलाई के करीब ही आएगा। अगर पहले रैक के लिए न्यूनतम 128 पहियों की जरूरत पड़ती है, तो वे ट्रायल शुरू कर सकते हैं और वे यूक्रेन से रोमानिया के जरिए डिलीवरी को तेज करने की कोशिश कर सकते हैं। पश्चिम बंगाल की रेलवे फैक्ट्री में यह व्हील तैयार हो सकते हैं, लेकिन क्षमता कम होने के कारण यूक्रेन की एक कंपनी को इसका ऑर्डर दिया गया।
गौरतलब है कि रेलवे ने स्लीपर वंदे भारत में तीन क्लास चलाने का फैसला किया है — फस्र्ट एसी, सेकेंड एसी और थर्ड एसी। इसके अलावा स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस में डिब्बों की संख्या भी अलग-अलग होगी। बताया जा रहा है कि भारतीय रेल 16, 20 और 24 डिब्बों वाली स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की योजना बना रहा है। भारतीय रेल ने 200 स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए टेंडर जारी किया है। टेंडर की आखिरी तारीख 26 जुलाई 2022 निर्धारित की गई है। मौजूदा वंदे भारत एक्सप्रेस के अपग्रेडेशन का काम महाराष्ट्र के लातूर में स्थित मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री में किया जाएगा या फिर चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में, वहीं स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी। ये स्लीपर ट्रेन यात्रियों को लेकर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से पटरियों पर दौड़ेगी और टेस्टिंग के दौरान इसकी स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
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