कीव: यूक्रेन की सेना ने उत्तर कोरिया के दो सैनिकों को जिंदा पकड़ लिया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि वह इन दोनों कैदियों को वापस भेजने के लिए तैयार हैं. हालांकि उन्होंने इन कैदियों को वापस भेजने के बदले में एक बड़ी डिमांड रूस से कर डाली है, जो शायद ही रूस मानने को तैयार हो. जेलेंस्की ने दो उत्तर कोरियाई सैनिकों के बदले रूस की कैद में मौजूद यूक्रेनी सैनिकों को वापस मांगा है.
जेलेंस्की ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘यूक्रेन किम जोंग उन के सैनिकों को उन्हें सौंपने के लिए तैयार है. लेकिन तब जब वह हमारे उन सैनिकों को लाने का प्रबंध कर सकें, जो रूस की कैद में हैं.’ रविवार को जेलेंस्की ने दो उत्तर कोरियाई सैनिकों से पूछताछ का वीडियो शेयर किया था.
शनिवार को यूक्रेन ने घोषणा की थी कि उसने दो उत्तर कोरियाई सैनिकों को पकड़ा है. यह पहली बार है जब कीव ने इस युद्ध में रूस की तरफ से लड़ रहे उत्तर कोरियाई सैनिकों को जिंदा पकड़ा था. रूस और उत्तर कोरिया दोनों ने ही पुतिन की सेना में इनकी मौजूदगी को स्वीकार नहीं किया है. जेलेंस्की की ओर से शेयर किए गए वीडियो में दोनों सैनिक घायल हालत में दिख रहे हैं. एक सैनिक के जबड़े में चोट आई थी. वहीं एक सैनिक के हाथ में पट्टियां बंधी हुई थीं.
वीडियो में लेटा हुए एक सैनिक दावा करता है कि उसे नहीं पता था कि वह यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है. उसका कहना है कि उसके कमांडरों ने इसे एक मिलिट्री एक्सरसाइज बताया था. रिपोर्ट के मुताबिक वीडियो में सैनिकों से पूछा जाता है कि क्या वे उत्तर कोरिया लौटना चाहते हैं. एक सैनिक सिर हिलाकर सहमति जताता है. जबकि दूसरा सैनिक बार-बार पूछने पर कहता है कि वह यूक्रेन में रहना चाहता है. लेकिन बाद में आगे कहता है कि वह वही करेगा, जैसा उसे आदेश मिलेगा. रविवार को अपने दैनिक संबोधन में जेलेंस्की ने दावा किया कि सैनिकों में से एक ने यूक्रेन में रहने की इच्छा जताई.
यूक्रेन और पश्चिमी आकलनों के मुताबिक कुर्स्क क्षेत्र में लगभग 11,000 उत्तर कोरियाई सैनिक हैं. यूक्रेन का अनुमान है कि इनमें से 3000 से ज्यादा उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए या घायल हुए हैं. जेलेंस्की ने उत्तर कोरियाई सैनिकों के पकड़े जाने का इस्तेमाल रूस पर निशाना साधने के लिए किया. जेलेंस्की ने ट्वीट में कहा कि इस बात में दुनिया को अब कोई शक नहीं होना चाहिएकि रूस अब उत्तर कोरिया की मदद पर निर्भर है. रूस और यूक्रेन के बीच पहले भी बंधक बनाए गए सैनिकों की अदला-बदली हो चुकी है.
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