वॉशिंगटन। इजरायल (Israil) पर हमास (Hamas) के हमले के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Prime Minister Benjamin Netanyahu) ने भी करारा पलटवार किया है। तीन दिनों के इस युद्ध के दौरान गाजा और वेस्ट बैंक में 700 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। वहीं इजरायल में भी 1100 लोगों की मौत हुई है। नेतन्याहू ने कहा है कि इस युद्ध की शुरुआत हमास ने की थी लेकिन खात्मा वह करेंगे। इजरायल के साथ दुनिया के कई ताकतवर देश खुलकर उतर चुके हैं। इसमें अमेरिका, यूके, इटली और फ्रांस भी शामिल है। वाइट हाउस की तरफ से जारी किए गए एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि हमास जैसे आतंकी संगठनों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इनका खात्मा जरूरी हो गया है।
वाइट हाउस के बयान में कहा गया, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों, जर्मनी के चांसलर शोल्ज, इटली की पीएम मोलोनी, यूके के पीएम सुनक और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमास के हमले की निंदा करते हुए इजराय के साथ खुलकर खड़े होने का फैसला किया है। हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हमास के इस हमले का कोई स्पष्टीकरण नहीं है। इसकी वैश्विक स्तर पर निंदा होनी चाहिए। हमने देखा है कि हमास के आतंकियों ने किस तरह से कत्लेआम किया और पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया। उन्होंने एक म्यूजिक फेस्टिवल में 200 से ज्यादा युवाओं को मार दिया। बुजुर्ग महिलाओं और बच्चों तक को किडनैप किया गया। बहुत सारे लोग अब भी बंधक हैं।
इस बयान में कहा गया, हम इजरायल को आत्मरक्षा के लिए सहयोग करेंगे। कई ऐसे भी देश हैं जो कि इस हमले का समर्थन कर रहे हैं। हम फिलिस्तीन और इजरायल दोनों के हित के लिए बराबर सोचते हैं। लेकिन कोई गलती ना करें, हमास फिलिस्तीनियों के लिए आतंक फैलाने के अलावा कुछ नहीं कर रहा है। वह केवल खूनी खेल खेल रहा है। बयान में कहा गया कि आने वाले दिनों में ये सभी देश इजराय के साथ खड़े रहेंगे ताकि मध्य एशिया में शांति बहाल हो सके।
बता दें कि हमास के हमले में इजरायल में कम से कम चार अमेरिकी भी मारे गए हैं। वहीं हमास के हमले के बाद ईरान, सऊदी अरब और लेबनान जैसे देशों में जश्न मनाया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायल के खिलाफ इतने बड़े हमले की पूरी साजिश हमास के साथ मिलकर लेबनान और ईरान ने रची थी। इस बार इजरायल की ताकतवर खुफिया एजेंसी मोसाद भी खतरा भांपने में कामयाब नहीं हो पाई।
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