लंदन (London)। ब्रिटेन की एक अदालत (UK court) ने उत्तरी इंग्लैंड (northern england) के एक अस्पताल में काम करने के दौरान सात नवजात बच्चों की हत्या करने और कम से कम छह अन्य की हत्या का प्रयास करने के जुर्म में नर्स लूसी लेटबी को सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायमूर्ति जेम्स गॉस (James Goss) ने आजीवन कारावास की सजा से शीघ्र रिहाई के किसी भी प्रावधान को हटा दिया और कहा कि उसके अपराधों की गंभीरता का मतलब है कि 33 वर्षीय महिला को अपना शेष जीवन सलाखों के पीछे बिताना होगा।
लेटबी को पिछले सप्ताह सात नवजात शिशुओं की हत्या का दोषी पाया गया था और छह अन्य शिशुओं की हत्या के प्रयास के सात मामलों में भी दोषी पाया गया था। सजा संबंधी टिप्पणी में न्यायमूर्ति गॉस ने मैनचेस्टर क्राउन कोर्ट में सख्त हिरासत की सजा सुनाते हुए कहा कि नर्स ने “विश्वास का घोर उल्लंघन” और “पूर्वचिन्तन, आकलन और चालाकी” के साथ काम किया था।
इसी अदालत की एक जज ने शुक्रवार (18 अगस्त) को 10 महीने की सुनवाई के बाद नर्स को सात नवजात बच्चों की हत्या और छह की हत्या के प्रयास में दोषी ठहराया था। ब्रिटेन में पैदा हुए भारतीय मूल के डॉक्टर रवि जयराम ने हत्यारी नर्स को पकड़वाने में अहम भूमिका निभाई। डॉ. रवि जयराम उन शुरुआती लोगों में से थे, जिन्होंने हत्यारी नर्स को लेकर शक जाहिर किया और इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की थी।
डॉ.जयराम ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मेरा मानना है कि मारे गए बच्चों में से तीन या चार बच्चे आज स्कूल जा रहे होते। उन्होंने बताया कि जब जून 2015 में तीन नवजात बच्चों की मौत हुई तो उन्होंने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी। जब और बच्चों की मौत हुई तो मेरे जैसे वरिष्ठ डॉक्टरों ने कई बैठकें की और अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों से मिलकर अपनी चिंता जाहिर की। डॉ. जयराम ने बताया कि अप्रैल 2017 में नेशनल हेल्थ सर्विस ट्रस्ट ने हमें पुलिस से इस मामले में मिलने की अनुमति दे दी। जब हमने पुलिस को बच्चों की रहस्यमयी मौतों के बारे में बताया तो पुलिस ने इसकी जांच शुरू की। पुलिस की जांच में नर्स लूसी लेटबी पर शक हुआ और पूछताछ और विस्तृत जांच के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पीएम सुनक ने की निंदा
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इसके लिए नर्स की निंदा करते हुए उसे कायर बताया। साथ ही कहा कि उनकी सरकार दोषी अपराधियों को दोषी पाए जाने के बाद पीड़ितों का सामना करने के लिए मजबूर करने हेतु कानून में बदलाव करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है जैसा कि हर कोई इसके बारे में पढ़ रहा है, यह बेहद चौंकाने वाला और कष्टदायक है। अब, मुझे लगता है कि यह कायरतापूर्ण है कि जो लोग ऐसे भयानक अपराध करते हैं, वे पीड़ितों का सामना नहीं करते हैं और प्रत्यक्ष रूप से नहीं सुनते हैं कि उनके अपराधों का उन पर और उनके परिवार और प्रियजन के ऊपर क्या प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा, हम यह सुनिश्चित करने के लिए कानून में बदलाव करने पर विचार कर रहे हैं और यह कुछ ऐसा है जिसे हम उचित समय पर सामने लाएंगे।
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