लंदन (London)। इस्राइल-हमास के बीच युद्ध (Israel-Hamas war) जारी है। अब तक 2500 से अधिक लोगों की मौत (More than 2500 people died) हो चुकी है। इस दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री (British Prime Minister) ने बड़ी घोषणा की है। प्रधानमंत्री का कहना है कि वे इस्राइल के समर्थन में हैं। इसलिए वे पूर्वी भूमध्य सागर (Eastern Mediterranean) में ब्रिटेन की संपत्तियों की तैनाती करेंगे। बता दें, ब्रिटेन प्रधानमंत्री की यह घोषणा इस्राइल के लिहाज के काफी महत्वपूर्ण है। युद्ध के दौरान ब्रिटेन की मदद काफी हमास के लिए काफी निर्णायक साबित होगी। इसके अलावा, ब्रिटेन ने सहायता पैकेज (Support Package) की भी घोषणा की है।
ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक, प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Prime Minister Rishi Sunak) की घोषणा के बाद शुक्रवार से ब्रिटिश विमान (British aircraft) हमास पर निगरानी रखेंगे। भूमध्य सागर में समुद्री गश्ती बढ़ाई जाएगी। ऋषि सुनक (Rishi Sunak) के सैन्य सहायता पैकेज में पी8 विमान, निगरानी विमान, दो रॉयल नेवी जहाज, आरएफए लाइम बे, आरएफए आगर्स, तीन मर्लिन हेलीकॉप्टर और रॉयल मरीन की एक कंपनी शामिल है। ऋषि सुनक का कहना है कि जिस तरह के भयावह दृश्य हमने पिछले कुछ दिनों में देखें हैं, यह दोहराया नहीं जाना चाहिए। हमारे मित्र के लिए हमारी सेना की तैनाती क्षेत्रीय स्थिरता तय करने के प्रयासों का समर्थन करेगी।
पड़ोसी देशों से भी इस्राइल के समर्थन की अपील
डाउनिंग स्ट्रीट ने एक बयान में कहा कि पीएम सुनक ने इस्राइल, साइप्रस और क्षेत्र के सभी सैन्य दस्तों को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कहा है। इसी के साथ उन्होंने पड़ोसी देशों से अस्थिरता से निपटने के लिए इस्राइल के प्रयासों का समर्थन करने के लिए भी कहा है। ब्रिटेन के रक्षा सचिव ग्रांट शाप्स ने कहा कि हमास द्वारा हाल में किए गए हमलों ने साबित कर दिया कि ब्रिटेन को इस्राइल का समर्थन करना चाहिए। बुराई के सामने किसी भी देश को अकेले खड़े होने की आवश्यकता नहीं है।
सहायता पैकेज की भी घोषणा
पीएम सुनक ने हथियारों के अलावा, इस्राइल के लिए एक नए सहायता पैकेज की भी घोषणा की है, जिसमें जीबीपी तीन मिलियन अतिरिक्त फंडिंग शामिल है। सहायता पैकेज का लक्ष्य यहूदी विरोधी हमलों को रोकना और उनकी सुरक्षा बढ़ाना है। फंडिंग से स्कूलों में अधिक गार्ड्स की तैनाती की जाएगी। प्रार्थना स्थलों की सुरक्षा पुख्ता की जा सकती है। सुनक ने बताया कि 1970 के बाद से यह दुनिया का तीसरा सबसे खतरनाक आतंकवादी हमला है। ब्रिटेन इस्राइल के साथ खड़ा है।
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