लंदन. ब्रिटेन (Britain) की वित्त मंत्री (Finance Minister) रेचल रीव्स (Rachel Reeves) इस सप्ताहांत चीन (China) जा रही हैं, ताकि दोनों देशों के बीच आर्थिक (Economic) और वित्तीय सहयोग (Financial support) को बढ़ावा दिया जा सके। ब्रिटेन की लेबर सरकार बीजिंग (Beijing) के साथ तनावपूर्ण संबंधों को फिर से सुधारने की कोशिश कर रही है।
अर्थव्यवस्था को मजबूती देना मकसद
वित्त मंत्रालय ने बताया कि रीव्स की यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के रिश्तों में स्थिरता लाना और ब्रिटेन की कमजोर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, चीन-यूके आर्थिक और वित्तीय संवाद को फिर से शुरू करना है, जो 2019 से कोविड-19 महामारी और बिगड़े रिश्तों के कारण स्थगित कर दी गई थी। यूके का मानना है कि यह संवाद व्यापार और निवेश में आने वाली बाधाओं को कम करने में मदद करेगा।
चीन के उपप्रधानमंत्री से करेंगी मुलाकात
बता दें, वित्त मंत्री बीजिंग और शंघाई की यात्रा करेंगी। साथ ही वह चीनी उपप्रधानमंत्री हे लिफेंग से मुलाकात करेंगी। इस दौरान उम्मीद है कि यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद रोकने और हॉन्गकॉन्ग में नागरिक अधिकारों के उल्लंघन को लेकर भी बातचीत हो सकती है।
यह लोग भी रहेंगे मौजूद
प्रतिनिधिमंडल में बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर एंड्रयू बेली और यूके वित्तीय सेवाओं के प्रमुख अधिकारी तथा लंदन स्टॉक एक्सचेंज ग्रुप के सीईओ शामिल होंगे। इसके अलावा, एचएसबीसी और स्टैंडर्ड चार्टर्ड के ग्रुप चेयरमैन समेत ब्रिटेन की कुछ सबसे बड़ी वित्तीय सेवा फर्मों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। वहीं, वह प्रमुख कंपनियों, जैसे जगुआर लैंड रोवर और डियाजियो का दौरा भी कर सकती हैं।
विपक्ष उठा रहा सवाल
यह यात्रा ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी की अक्तूबर में चीन यात्रा और प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की नवंबर में जी20 सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद हो रही है। स्टार्मर का उद्देश्य चीन के साथ राजनीतिक और आर्थिक रिश्तों को मजबूत करना है, जबकि कुछ विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य इस पर सवाल उठा रहे हैं कि व्यापारिक रिश्ते राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवाधिकारों के मसले से नहीं समझौता करना चाहिए।
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