उज्जैन। भारतीय कुप्रथाओं में एक बहुत बड़ी और प्रचलित कुप्रथा दहेज प्रथा है। आजादी से आज तक हम कई कुप्रथाओं से लड़े हैं और इन कुप्रथाओं को हमारे समाज से पूरी तरह हटाने में कामयाब भी रहे हैं। पर दहेज प्रथा एक ऐसी प्रथा है जो आज भी हमारे समाज में बहुलता से प्रचलित है। उज्जैन की रहने वाली एक लड़की के परिजनों ने भोपाल सीएम कार्यालय में एक आरक्षक के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है।
परिजनों ने शिकायत पत्र में कहा है कि उज्जैन महाकाल थाना में पदस्थ आरक्षक से उनकी बेटी की शादी तय हुई थी. शादी 20 अप्रैल 2020 को होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से शादी नहीं हो सकी, लेकिन अब आरक्षक के परिजनों द्वारा 5 लाख रुपए और बुलेट की मांग जा रही है। वहीं, नहीं देने पर शादी तोड़ने की धमकी दी जा रही है!
दरअसल, उज्जैन जिले के झांसी ग्राम सिमिलिया कोछा निवासी भगवान दास अहिरवार ने अपनी पुत्री रीनू कुमारी की शादी उज्जैन नानाखेड़ा बस स्टैंड के समीप निवासी संदीप कुमार पिता जयराम कुमार से तय की थी। संदीप इस समय थाना महाकाल में आरक्षक के पद पर पदस्थ है। परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सगाई और तिलक के समय वे पहले ही 10 लाख रुपए खर्च कर चुके हैं। इस दौरान सोने की चैन, लॉकेट व दो सोने अंगूठी भी दी गई थी, लेकिन अब आरक्षक के परिवार वालों द्वारा और दहेज की मांग की जा रही है।
वहीं, मामले में भोपाल एसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ल का कहना है कि लड़की के परिजनों की शिकायत पर मामले को तत्काल सीएम कार्यलाय द्वारा संज्ञान में लिया गया है। साथ ही उज्जैन एसपी को पत्र जारी कर जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं. मामले में जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
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