उज्जैन। कोरोना के मामलों में लगातार कमी (decrease in corona cases) को देखते हुए राज्य सरकार ने नाइट कर्फ्यू को छोड़कर सभी प्रतिबंध समाप्त कर दिये हैं। इसी के मद्देनजर विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर (Jyotirlinga Lord Mahakaleshwar) के मंदिर में कोरोना से संबंधित प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं। गृर्भ गृह के बाद अब श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल की भस्मारती (Bhasmari of Lord Mahakal) में प्रवेश से भी प्रतिबंध हटा दिया गया है। अब यहां आम श्रद्धालु भगवान की भस्मारती में शामिल हो सकेंगे।
शनिवार, 19 फरवरी को तड़के होने वाले भगवान महाकाल की भस्मारती में आम श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा। फिलहाल इसके लिए ऑफलाइन टिकट लेना होगा। बाद में इसे ऑनलाइन भी किया जाएगा। शुक्रवार शाम को महाकाल मंदिर समिति ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण में कमी को देखते हुए यह निर्णय लिया है। यहां 100 श्रद्धालु मंदिर के काउंटर से निशुल्क अनुमति प्राप्त कर सकते हैं। प्रोटोकाल तहत आने वाले आवेदन पर प्रति व्यक्ति 200 रुपये भेंट राशि देना होगी। अभी सीमित संख्या में भक्तों को प्रवेश दिया जाएगा, लेकिन फरवरी महीने के अंत तक पूरी क्षमता के साथ श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश मिलने लगेगा।
उल्लेखनीय है कि तीसरी लहर को देखते हुए पिछले साल 24 दिसंबर से भस्म आरती में प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। अब यह प्रतिबंध समाप्त से पूरे 57 दिन बाद श्रद्धालु भस्मारती में शामिल होंगे। कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि देश में लगातार कोरोना का संक्रमण कम हो रहा है। इसी को देखते हुए शुक्रवार को आदेश जारी किए गए हैं।
मंदिर के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कोविड प्रोटोकाल के तहत भक्तों को भस्मारती के दर्शन कराए जाएंगे। श्रद्धालु गणेश व कार्तिकेय मंडपम् में बैठकर भस्मारती के दर्शन कर सकेंगे। भस्मारती में भक्तों द्वारा भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने पर रोक रहेगी। बताया गया कि फरवरी माह के अंत तक पूरी क्षमता के साथ भस्मारती दर्शन शुरू होंगे। बता दें मंदिर समिति कोविड काल से प्रतिदिन 1800 श्रद्धालुओं को भस्मारती अनुमति देती थी लेकिन कोरोना काल के बाद से करीब एक हजार श्रद्धालुओं को अनुमति दी जा रही है। (एजेंसी, हि.स.)
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