इंदौर (Indore)। उज्जैन में जिस मासूम के साथ हैवानियत हुई, वह अब धीरे-धीरे रिकवर हो रही है, लेकिन मां को याद कर पल-पल तड़प रही है। उसकी स्थिति देख डाक्टर भी पास जाने से जहां कतरा रहे हैं, वहीं उसे ट्रामा से निकालने की कवायद की जा रही है। पुलिस के सख्त पहरे में सतना से दादा मिलने पहुंचे, लेकिन उसकी आंखें मां को ढूंढ रही हैं।
हैवानियत का शिकार हुई मासूम की एमटीएच अस्पताल में सर्जरी कर जख्मों का इलाज कर दिया गया है, लेकिन उसके दिल और आत्मा पर लगे जख्म से डाक्टर और कर्मचारियों की रूह भी कांप रही है। इलाज करने वाले डाक्टर ही ज्यादा देर मासूम के साथ टिक नहीं पा रहे हैं। इलाज करने के दौरान दवाइयां देने और जांच-पड़ताल करते ही तुरंत रवाना हो रहे हैं। बच्ची की देखरेख कर रहे कर्मचारियों से वह बार-बार मां के बारे में पूछ रही है। मां के लिए तड़प रही मासूम के बारे में डाक्टरों का कहना है कि प्राइवेट पार्ट पर जख्मों के कारण उसे लिक्विड डाइट दी जा रही है।
पुलिस का सख्त पहरा, जनप्रतिनिधियों ने घेरा अस्पताल
अस्पताल के गेट पर पुलिस ने सख्त पहरा लगा रखा है। इंदौर सहित उज्जैन और सतना की पुलिस भी तैनात की गई है। इस दौरान जनप्रतिनिधियों के पहुंचने के कारण स्थिति बनती-बिगड़ती रह रही है, जिसके कारण डाक्टर बच्ची से किसी को ज्यादा मिलने नहीं दे रहे हैं। बच्ची को उस घटना के ट्रामा से निकालने के लिए ज्यादातर लोगों से दूर रखा जा रहा है। अब तक बच्ची की मां का पता कुछ पता नहीं चलने के कारण अस्पताल प्रबंधन भी परेशान है।
काउंसिंिलग कर रहे हैं डॉक्टर
किसी भी अंजान चेहरे को देखकर डर रही बालिका को सदमे से उबारने के लिए मानसिक चिकित्सक की मदद ली जा रही है। डॉक्टरों की निगरानी में काउंसिलिंग की प्रक्रिया को अंजाम दिए जाने की रणनीति तैयार की जा रही है। डॉक्टर के अनुसार बच्ची भी सदमे में है, वह किसी से भी ज्यादा बातचीत नहीं कर रही है।
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