उज्जैन: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) है. यहां देश भर से श्रद्धालु बाबा महाकाल (Baba Mahakal) का दर्शन करने के लिए आते हैं. उज्जैन में बाबा महाकाल का एक भक्त चर्चा में है, जो कि हर दिन मंदिर में अपनी ड्यूटी (Duty) करने के पहले बाबा महाकाल के शिखर को नमन करता है और उसके बाद अपने काम की शुरुआत करता है. इस भक्त ने सावन (Savaan) में कथित तौर पर उपवास (Fast) भी रखे हैं. यह भक्त इंसान नहीं, बल्कि एक कुत्ता (Dog) है. इस कुत्ते का नाम खली है.
डॉग खली को कुछ साल पहले शाजापुर से उज्जैन लाया गया था. खली महाकाल मंदिर की सुरक्षा में तैनात रहता है. वह डॉग स्क्वाड टीम का मेंबर भी है, जो कि महाकाल मंदिर सहित अन्य स्थानों पर भी सुरक्षा व्यवस्था देखता है. मंदिर से जुड़े लोग बताते हैं कि हर दिन महाकालेश्वर मंदिर में अपनी ड्यूटी करने आने वाला डॉग खली बाबा महाकाल का अनन्य भक्त है जो कि मंदिर में पहुंचते ही सबसे पहले बाबा महाकाल के शिखर को नमन करता है और उसके बाद अपनी ड्यूटी की शुरुआत करता है. इस बार खली ने सावन के सोमवार पर उपवास भी रखा है. यही कारण है कि प्रति सोमवार को खली सिर्फ और सिर्फ दूध ही पीता है, जबकि अन्य दिनों में उसकी डाइट कुछ और होती है.
पुलिस अधिकारी बताते हैं कि फरवरी 2024 में शाजापुर से उज्जैन आए डॉग खली पर सभी प्रकार की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है. पूरे जिले भर में होने वाला कोई भी आयोजन हो या फिर किसी बड़े नेता के आगमन पर जर्मन शेफर्ड डॉग खली हर सुरक्षा के काम को अच्छे से निभाता है. जब राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी उज्जैन पहुंचे थे, तब भी उनकी सुरक्षा में यही डॉग खली तैनात था. बताया जाता है कि यह जर्मन शेफर्ड डॉग खली अभी सिर्फ 4 साल का है, जिनके हैंडलर विनोद मीणा हैं.
सब इंस्पेक्टर महेश शर्मा, कांस्टेबल अनिल, हेड कांस्टेबल विक्रम सिंह और कांस्टेबल राहुल व महेंद्र की टीम में डॉग खली को भी शामिल किया गया है, जो कि प्रतिदिन इन्हीं के साथ मिलकर काम करता है.
सब इंस्पेक्टर महेश शर्मा ने बताया कि उज्जैन के महाकाल मंदिर के चेकिंग टीम में डॉग खली शामिल है. सावन के सोमवार के खास दिनों मे इन दिनों खली भी उपवास रख रहा है. वैसे तो खली के प्रतिदिन की डाइट में उसे दूध-रोटी दी जाती है, लेकिन सोमवार के दिन उसकी डाइट में कुछ बदलाव जरूर होता है. इस दिन खली और कुछ खाने की बजाय सिर्फ और सिर्फ दूध ही पीता है. जैसे सावन में श्रद्धालु फलाहार और दूध पर ही उपवास रखते हैं, वैसे खली भी सोमवार को सिर्फ दूध पीता है.
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