उज्जैन। कोरोना की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुए मध्यप्रदेश ने तीसरी लहर के लिए रास्ते खोल दिए हैं। देश में इस समय कोरोना की तीसरी लहर का सबसे ज्यादा असर केरल और महाराष्ट्र में है। इसके बाद भी यहां से आने वाली ट्रेनों, बसों और उड़ानों पर रोक लगाना तो दूर इनसे आने वाले यात्रियों की जांच तक नहीं की जा रही है। कुछ समय पहले तक जहां महाराष्ट्र की बसों पर रोक थी। उन बसों को भी दोबारा शुरू कर दिया गया है, वहीं महाराष्ट्र से आने वाले हवाई यात्रियों के लिए जरूरी आरटीपीसीआर टेस्ट की व्यवस्था को भी बंद कर दिया गया है।
महाकाल में भी किसी की रोक नहीं
रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड पर महाराष्ट्र और केरल से आने वाले यात्रियों की जांच के लिए अधिकारी कहते हैं कि यह काम स्वास्थ्य विभाग का है। महाकाल मंदिर में ऑनलाईन बुकिंग सभी प्रदेशों के लोग करा रहे हैं और रिपोर्ट की जाँच भी नहीं हो रही है। ऐसे में यदि कुछ हुआ तो सबसे अधिक संक्रमण महाकाल क्षेत्र से फैलेगा। यहाँ की होटलों में भी कोरोना प्रोटोकाल का पालन नहीं हो रहा है जो कि चिंताजनक है।
रेल पर कोई रोक नहीं, यात्रियों की जांच तक नहीं
उज्जैन में केरल से कोचुवेली और अहिल्यानगरी ट्रेनें और महाराष्ट्र से अवंतिका एक्सप्रेस, पुणे एक्सप्रेस, बांद्रा एक्सप्रेस, दूरंतो और नागपुर एक्सप्रेस ट्रेनें आती हैं। इन सभी ट्रेनों से हजारों यात्री उज्जैन आते हैं। रेलवे स्टेशन पर इनकी जांच की कोई व्यवस्था तक नहीं है।
हर दिन आ रहे हैं 12-13 हजार नए मरीज
देश में लंबे समय से कोरोना की तीसरी लहर की बातें की जा रही हैं। इसका असर इस समय केरल और महाराष्ट्र में नजर आने लगा है। केरल में जहां रोजाना 12 से 13 हजार पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं, वहीं महाराष्ट्र में रोजाना 4 से 5 हजार पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। इसे देखते हुए कई राज्यों में महाराष्ट्र और केरल से आने वाले यात्रियों के लिए जांच जरूरी कर दी है, लेकिन मध्यप्रदेश में पहले से लागू सख्ती को भी खत्म कर दिया है, जिसे देख लग रहा है प्रदेश में दूसरी लहर की तबाही से कोई सबक नहीं लिया है।
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