उज्जैन । वैसे तो आपने आपने ग्रहण के दौरान हिंदू धर्म में देश भर के सभी मंदिरों के कपाट बंद रहने की बात सुनी होगी. इस दौरान कोई पूजा (Worship) भी नहीं की जाती, लेकिन एक ऐसा भी मंदिर है जहां यह नियम बदल जाता है और यह मंदिर ग्रहण (eclipse ) पर भी खुला ही रहता है. हम बात कर रहे हैं उज्जैन (Ujjain) स्थित महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) की.
महाकाल के मंदिर में ग्रहण का कोई असर नहीं होता. महाकाल कालों के काल हैं इसलिए किसी भी ग्रहण से मंदिर में किसी भी प्रकार की रोक टोक नहीं होती, मंदिर में दर्शन बंद नहीं होते. ऐसे में आज भी ग्रहण के दौरान मंदिर के पट बंद नहीं रहेंगे.
पूजा पाठ के समय में रहेगा अंतर
जानकारी के मुताबिक, आज होने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर महाकालेश्वर मंदिर में बंद नहीं होंगे. हालांकि पूजा पाठ के समय में थोड़ा अंतर जरूर रहेगा. इसके अलावा आरती का समय भी बदला रहेगा. महाकालेश्वर मंदिर में ग्रहण के दौरान आम भक्तों के दर्शन भी बंद नहीं होते हैं, इस दौरान गर्भ ग्रह में श्रद्धालुओं का प्रवेश नहीं होता है जबकि पंडित और पुरोहित मंदिर में के गर्भ गृह में भी आ जा सकेंगे. कुल मिलाकर मंदिर में कुछ बदलाव के अलावा कोई परिवर्तन नहीं रहता है.
शिवलिंग को स्पर्श करने पर रहेगी रोक
महाकालेश्वर मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि सूर्य ग्रहण के बाद मंदिर परिसर को धोने की परंपरा है, इसके अलावा साफ-सफाई भी होगी. आज शाम 4:40 से 6:30 बजे तक सूर्य ग्रहण रहेगा, महाकालेश्वर मंदिर के पंडित आशीष पुजारी के मुताबिक महाकालेश्वर मंदिर में कभी भी सूर्य ग्रहण के दौरान पर बंद नहीं रहते हैं, हालांकि पूजा-पाठ जरूर बंद हो जाता है.
उन्होंने बताया कि मंगलवार को करीब 2 घंटे का सूर्य ग्रहण रहेगा. इस दौरान मंदिर के गर्भ गृह में पंडित और पुरोहित भगवान महाकाल से प्रार्थना करेंगे. इस दौरान शिवलिंग का स्पर्श कोई नहीं कर सकेगा,
जलाभिषेक का टाइम भी बदलेगा
महाकालेश्वर मंदिर में सतत दर्शन प्रक्रिया जारी रहेगी. प्रतिदिन शाम 5:00 बजे तक भगवान का जलाभिषेक होता है लेकिन सूर्य ग्रहण की वजह से 4:00 बजे तक ही जलाभिषेक हो सकेगा. इसके बाद शाम 5:00 बजे होने वाली पूजा सूर्य ग्रहण के बाद शाम 7:00 बजे होगी, जबकि 6:30 बजे होने वाली भोग आरती का समय भी परिवर्तित रहेगा, यह आरती 8:00 बजे के आसपास होगी.
आमतौर पर महाकालेश्वर मंदिर में सुबह साफ-सफाई और मंदिर की धुलाई का कार्य होता है लेकिन सूर्य ग्रहण की वजह से मंदिर में साफ-सफाई और धुलाई का क्रम 6:30 बजे बाद भी रहेगा.
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