उज्जैन। कृषि में रिकार्ड उत्पादन करने वाले मध्यप्रदेश में अब किसान बड़ी संख्या में फसल बीमा करा रहे हंै, क्योंकि मौसम भी आए दिन करवटें लेता है। कम बारिश और ओला पाला से फसल नष्ट हो जाती है और शासन का मुआवजा ऊंट के मुंह में जीरे के समान मिलता है। इसलिए किसान अब फसल बीमा कराने में ज्यादा रूचि ले रहे हैं। प्रदेश में फसल बीमा कराने में उज्जैन जिला पहले पायदान पर है।
प्रदेश के हर जिले में किसान बीमा के प्रति रूझान बढ़ा है, इसलिए विगत 5 वर्षों में किसान बीमा कराने वाले प्रदेश में 16 लाख किसान बढ़ गए है। 5 साल पहले 31 लाख किसान ही फसल बीमा कराते थे, लेकिन अब इस साल यह संख्या बढ़कर 47 लाख हो गई है और इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि उज्जैन जिला फसल बीमा कराने के मामले में प्रथम स्थान पर है।
उज्जैन जिले में 4 लाख 29 हजार 932 किसानों ने इस साल फसल का बीमा कराया है। वहीं सबसे कम सिंगरोली में 855 किसानों ने फसल बीमा कराया है। फसल बीमा की प्रीमियम में मात्र 2 फीसदी राशि ही किसान को देना पड़ती है, वहीं 98 फीसदी राशि केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर भरती है। इस बीमा में किसान को फसल खराब होने या नष्ट होने की दशा में 70 से 80 प्रतिशत का क्लेम मिलता है। इसलिए अब किसानों की रूचि फसल बीमा कराने में बढ़ रही है। अभी भी देखा जाए प्रदेश में जागरुक किसान जो फसल बीमा कराते है उनका प्रतिशत 40 ही है। अभी भी 60 प्रतिशत किसान फसल बीमा नहीं करा रहे हैं और फसल खराब हो पर वे दिवालिया हो जाते हैं और मदद के बाद भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
जिला बीमित किसानों की संख्या
उज्जैन 4 लाख 29 हजार 920
मंदसौर 4 लाख 58
सिहौर 3 लाख 8 हजार 382
देवा 2 लाख 31 हजार 351
राजगढ़ 2 लाख 22 हजार 787
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