उज्जैन। कहा जाता है कि उज्जैन धार्मिक शहर है और यहाँ शांति है लेकिन अपराधों का रिकार्ड देखा जाए तो किसी संदिग्ध और संवेदनशील क्राईम वाले क्षेत्र से कम नहीं हैं। यहाँ हत्या, बलात्कार, लूट, चोरी, अपहरण जैसे मामले अक्सर होते रहते हैं तथा सुर्खियों में रहते हैं। उज्जैन में पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद क्राईम कम नहीं हुआ और पुलिस मित्र योजना भी ठंडी पड़ी हुई है जिसे चालू किया जाना चाहिए। पिछले तीन सालों में वर्ष 2020 से लेकर 2022 तक जिले में 127 हत्याएँ हुई है। शहरी तथा देहात थानों में यह सारे मामले पुलिस ने दर्ज किए हैं। हालांकि गत वर्ष हत्या के मामलों में कमी देखी गई लेकिन इन तीन वर्षों में सबसे अधिक हत्याएँ जिले में साल 2020 में हुई थी। उस दौरान एक साल में ही पुलिस ने हत्या के 57 केस दर्ज किए थे। पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में पिछले तीन वर्षों में हत्या जैसे अपराधों में कमी आई है।
बावजूद इसके जिले के शहरी और देहात थानों में वर्ष 2020 से लेकर वर्ष 2022 तक हत्या के कुल 127 मामले पुलिस ने दर्ज किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश हत्या के इन मामलों में पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारियां की है और मामले कोर्ट में भी पेश किए हैं तथा कई अपराधियों को जेल भी हो गई है। पुलिस के अनुसार साल 2020 के मुकाबले वर्ष 2021 तथा 2022 में हत्या जैसे अपराधों का ग्राफ तेजी से गिरा है। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक इन तीन वर्षों में सबसे ज्यादा हत्या के केस वर्ष 2020 में दर्ज हुए थे। इस साल जिले के अलग-अलग थानों में 57 हत्याओं के मामले दर्ज हुए थे। इसके अगले वर्ष 2021 में हत्या के मामलों में अच्छी खासी कमी आई। इस वर्ष जिले में अलग-अलग थानों में हत्या के 36 मामले दर्ज हुए थे। इतना ही नहीं गत वर्ष 2022 में पुलिस की सख्ती के चलते हत्या के मामले और कम हो गए। गत वर्ष पूरे जिले में हत्या के 34 केस दर्ज किए गए। पुलिस का कहना है कि पिछले तीन सालों में हुई सवा सौ से अधिक हत्याओं के मामलों में ज्यादातर आरोपियों को पकड़ा जा चुका है और कुछ मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी के पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। जल्द ही शेष रहे आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा और जेल भेजा जाएगा।
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