उज्जैन। धार्मिक पर्यटन क्षेत्रों में पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उन्हें अच्छी सुविधा देने के लिए पर्यटन विभाग ने होमस्टे की योजना चलाई थी। इस योजना में उज्जैन मध्य प्रदेश के सभी शहरों को पीछे छोड़ दिया है। यहाँ पर्यटन विभाग के पास 34 होमस्टे के पंजीयन हुए हैं जो प्रदेश में सबसे अधिक है।
धार्मिक पर्यटन करने वाले श्रद्धालुओं को घर जैसी सुविधा और खाना मिल सके इसके लिए पर्यटन विभाग ने होमस्टे की योजना चलाई। यह योजना पर्यटन विभाग ने खजुराहो, ओरछा, भोपाल और इंदौर में शुरू की है। इसमें अब तक सबसे अधिक 34 पंजीयन उज्जैन में हुए हैं। यहाँ महाकाल लोक बनने के बाद धार्मिक पर्यटक की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है। पहले सोमवार को और सावन मास तथा तीज-त्यौहार पर ही श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होती थी लेकिन अब सब दिन एक समान संख्या रहती है। अब तक पर्यटन विभाग में प्रदेश में जो पंजीयन हुए हैं उसमें सबसे अधिक उज्जैन में 34, भोपाल में 28, इंदौर में 24 और ओरछा में 22 तथा खजुराहो में मात्र 20 पंजीयन हुए। पर्यटन विभाग ने उम्मीद जताई है कि श्रावण मास के पहले उज्जैन में होमस्टे पंजीयन की संख्या 50 तक बढ़ सकती है।
वैसे भी उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद पर्यटकों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि शहर के होटल कम पडऩे लगे हैं। उज्जैन शहर में महाकाल के आसपास के 2 किलोमीटर के क्षेत्र में अधिकांश लोग अब अपने मकान को होटल में तब्दील करने में लगे हुए। पर्यटन विभाग की इस योजना से न्यूनतम 1 हजार रुपये से लेकर 5 हजार रुपए तक में धार्मिक पर्यटक को घर जैसी सुविधा मिल सकेगी, इसमें नाश्ता, खाना एवं अन्य सुविधाएँ भी मिलेगी। वर्तमान में शहर में होटलों में श्रावण मास में एक कमरे के 3 से 4 हजार रुपये तक और कभी-कभी 5 हजार रुपए तक भी श्रद्धालुओं से लिए जा रहे हैं और सुविधा के नाम पर सिर्फ उन्हें कमरा दिया जाता है, इसके अलावा कोई अन्य सुविधाएँ नहीं दी जा रही है। इसी को देखते हुए पर्यटन विभाग ने योजना बनाई है।
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