उज्जैन । विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर (Jyotirlinga Mahakaleshwar) की भस्मारती में अब नई व्यवस्था (new system) लागू होने जा रही है। जल्द ही चलित भस्मारती शुरू होगी, जिससे भीड़ का दबाव कम होगा। शुल्क (fee) का बंधन भी नहीं रहेगा।
मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष और उज्जैन कलेक्टर आशीषसिंह (Ujjain Collector Ashish Singh) ने अनुमति के फेर, निशुल्क दर्शनों की संख्या बढ़ाने और मंदिर में बढ़ते दबाव को कम करने के लिए अब भस्मारती में चलित दर्शन व्यवस्था की पहल की है। जल्द ही मंदिर समिति के अफसरों के माध्यम से नई व्यवस्था से भक्तों को चलित भस्मारती दर्शन की सुविधा मिलने लगेगी। करीब दो घंटे की भस्मारती के दौरान बड़ी संख्या में भक्त दर्शन लाभ ले सकेंगे। भस्मारती में शुल्क की बाध्यता, कम संख्या में शामिल होने के बंधन और समय पर अनुमति नहीं मिल पाने पर भक्त को निराशा होती थी।
अब चलित भस्मारती की पहल शुरू की जा रही है। संभवतः पहली बार ऐसा हो रहा है। गौरतलब है कि महाकाल मंदिर में तड़के 4 बजे भस्मारती होती है। मंदिर समिति भस्मारती अनुमति देने के लिए 200 रुपये प्रति भक्त शुल्क ले रही है और करीब 300 भक्तों को निशुल्क भस्मारती दर्शन मिलते हैं, जबकि इसमें शामिल होने वालों की संख्या 1500 से अधिक है। अब इस व्यवस्था के साथ महाकाल मंदिर प्रबंध समिति चलित दर्शन की नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। इसमें शामिल होने वाले किसी भी भक्त को अनुमति लेना या शुल्क नहीं देना पड़ेगा, चलित दर्शन व्यवस्था पूरी तरह निशुल्क रखी जाएगी।
भक्तों को होगा यह फायदा
बता दें कि भस्मारती में भक्तों की संख्या 1500 सीमित है। इसे बढ़ाया नहीं जा सकता। चलित दर्शन से अधिक से अधिक भक्तों को भस्मारती के दौरान प्रवेश करावाया जा सकेगा। भस्मारती में प्रवेश को लेकर दिनोंदिन भक्तों की संख्या में इजाफा हो रहा है। चलित दर्शन व्यवस्था से सभी भक्तों को प्रवेश देने में आसानी होगी। भस्मारती के लिए जो श्रद्धालु पूर्व अनुमति नहीं ले पाए या तुरंत भस्मारती में शामिल होना चाहता है, उसे आसानी से प्रवेश मिल सकेगा। भस्मारती में चलित दर्शन व्यवस्था होने से भक्तों को शुल्क और पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इससे हर भक्त आरती में शामिल हो सकेगा। भस्मारती में आने वाले वर्षों तक भक्तों को प्रवेश देने में दिक्कत नहीं आएगी। मंदिर प्रशासन पर भी दबाव कम होगा।
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि महाकाल मंदिर में नई व्यवस्था लागू करने पर कार्य चल रहा है, जल्द ही भक्तों को चलित भस्मारती की सुविधा प्रदान की जाएगी। पूर्व में सिंहस्थ के दौरान बाबा महाकाल के दर्शन चलित व्यवस्था से करवाए गए थे, अब इसी तरह भस्मारती दर्शन भी हो सकेंगे। इसमें निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा और भक्तों की संख्या भी ज्यादा होगी। नई व्यवस्था को लेकर मंदिर प्रबंध समिति के सदस्यों से चर्चा की जा रही है, योजना बनाने के लिए कह दिया है। चलित दर्शन में निशुल्क और सुलभ दर्शन हो सकेंगे। इससे भस्मारती के लिए पड़ रहा दबाव कम होगा। भस्मारती की वर्तमान व्यवस्था यथावत रहेगी।
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