कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि महाकवि कालिदास ने अपने साहित्य में प्रकृति से लेकर परमात्मा तक का चित्रण किया है। कालिदास ऐसे विद्वान थे, जिनकी टक्कर का कोई दूसरा विद्वान बाद में विश्व में नहीं हुआ। उन्होंने विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति को कहा कि संस्कृति की इस नगरी में नाट्य पर विक्रम विश्वविद्यालय कोर्स प्रारम्भ करे। विक्रमादित्य शोधपीठ के लिये बिड़ला शोध संस्थान का भवन आवंटित हो गया है। डॉ. यादव ने संस्कृति मंत्री से आग्रह किया कि उज्जैन संभाग को धर्मस्व का संभाग भी बनाया जाये। साथ ही उन्होंने कालिदास अकादमी परिसर स्थित मुक्ताकाशी मंच को कवर्ड नाट्यशाला में बदलने के प्रयास का आग्रह भी किया। डॉ.यादव ने कहा कि वर्तमान में देश में जिस तरह का अनुकूल वातावरण चल रहा है, इस समय शक संवत के स्थान पर विक्रम संवत को प्रचलन में लाने के प्रयास किये जाना चाहिये।
कार्यक्रम में कालिदास की सात महत्वपूर्ण कृतियों पर केन्द्रित ग्रंथ कालिदास कलश सुषमा का विमोचन किया गया। विमोचन डॉ.योगेश्वरी फिरोजिया द्वारा करवाया गया। इस ग्रंथ में 500 से अधिक चित्रकृतियों का प्रकाशन किया गया है। कार्यक्रम में संभागायुक्त आनन्द कुमार शर्मा, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र शुक्ला समेत कई अधिकारी, जनप्रतिनिधि व नागरिक मौजूद रहे।
नगाड़े की मंगल ध्वनि एवं भक्ति संगीत से समारोह का श्रीगणेश
अखिल भारतीय कालिदास समारोह के पूर्वरंग नांदी कार्यक्रम में पं.सूर्यनारायण व्यास संकुल में नरेन्द्र कुशवाह के निर्देशन में नगाड़ा मंगल ध्वनि वादन हुआ। इसके पश्चात् प्रसिद्ध निर्गुणी भजन गायक सुन्दरलाल एवं साथियों ने भजनों की प्रस्तुति दी। नांदी कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.बालकृष्ण शर्मा ने कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि कालिदास ने मेघदूत में महाकाल की आराधना में नगाड़ा वादन का वर्णन किया है। अर्थात् नगाड़ा के रूप में हमारी संस्कृति में स्वीकार्य किया जाता है। नरेन्द्र कुशवाहा और साथियों ने सामूहिक नगाड़ा वादन करते हुए बंदिशों का वादन किया और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
मंत्री उषा ठाकुर ने चित्र एवं मूर्तिकला की राष्ट्रीय कालिदास प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया
अखिल भारतीय कालिदास समारोह के शुभारम्भ के अवसर पर कालिदास संस्कृत अकादमी परिसर में संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने अन्य अतिथियों की उपस्थिति में महाकवि कालिदास की विश्वविख्यात कृति ऋतुसंहार पर आधारित चित्र एवं मूर्तिकला कृतियों की राष्ट्रीय कालिदास प्रदर्शनी का दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया। अतिथियों द्वारा प्रदर्शनी के ऑनलाइन अवलोकन हेतु यूट्यूब पर भी प्रदर्शनी का वीडियो अपलोड किया गया।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय चित्र एवं मूर्तिकला की कालिदास प्रदर्शनी आगामी एक दिसम्बर तक प्रतिदिन प्रात: 10 बजे से रात्रि 8 बजे तक आमजन के अवलोकनार्थ खुली रहेगी तथा यूट्यूब पर भी प्रदर्शनी का अवलोकन ऑनलाइन किया जा सकेगा। प्रदर्शनी के शुभारम्भ के पश्चात मंत्री उषा ठाकुर ने अवलोकन किया और प्रदर्शनी की प्रशंसा की। (हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved