- पीएम ई बस सेवा योजना और सिंहस्थ के लिए 500 करोड़ से अधिक के कई काम होंगे
उज्जैन। बुधवार को प्रदेश सरकार ने 2024-25 का बजट प्रस्तुत किया है। इसमें उज्जैन को कई सौगातें मिली हैं। सिंहस्थ 2028 आयोजन के लिए कार्यों हेतु 500 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का प्रावधान किया गया है। साथ ही इंदौर उज्जैन के बीच पीएम ई बस सेवा योजना और उज्जैन का सिटीज 2.0 प्रतिस्पर्धा में चयन भी किया गया है। शहर में मेडिकल डिवाईस पार्क के अलावा अन्य कई योजनाओं को भी पूरा होने के लिए राशि जारी की गई है।
प्रदेश शासन के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में वर्ष 2024-25 का बजट प्रस्तुत किया। वित्त मंत्री ने इस दौरान कहा कि जनकल्याण के उपाय तभी सार्थक होंगे, जब हम गरीब, निराश्रित, असहाय और मुख्य धारा से पिछड़ गई आम जनता की आशाओं, आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को पूरा कर सकेंगे। बजट में उज्जैन के विकास के लिये कई प्रस्ताव दिये गये हैं। इसमें पीएम ई-बस योजना के अन्तर्गत उज्जैन में भारत सरकार की सहायता से ई-बसों का संचालन किया जाएगा। कृषि क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए उज्जैन में चना अनुसंधान संस्थान की स्थापना प्रस्तावित गई है और उज्जैन का सिटीज 2.0 प्रतिस्पर्धा में चयन किया गया है। इसके तहत उज्जैन को अगले 3 सालों में 135 करोड़ रुपये की राशि भारत सरकार से प्राप्त होगी। वर्ष 2028 में सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र के 10 जिलों की आधारभूत संरचनाओं को विकसित करने की कार्रवाई इसी वित्तीय वर्ष से प्रारम्भ कर दी गई है। इस हेतु वर्ष 2024-25 में 500 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। साथ सिंहस्थ के दौरान उज्जैन शहर में बायपास के साथ-साथ शहर में आने वाले सभी मार्गों को फोरलेन अथवा आठ लेन करने की योजना बनाई गई है। 450 कि.मी. का मालवा-निमाड़ विकास पथ एक्सप्रेस-वे नेटवर्क के माध्यम से बनवाया जाएगा। इसके दोनों ओर औद्योगिक कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे, जिससे रोजगार और स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। आगर जिले की 550 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजना से उत्पादन शुरू हो चुका है। नवकरणीय ऊर्जा स्थापना क्षमता की दृष्टि से यह अभूतपूर्व वृद्धि है। देवास जिले को ग्रीन स्किलिंग आईटीआई में विकसित कर सोलर टेक्नीशीयन और इलेक्ट्रीक व्हीकल मैकेनिक पाठ्यक्रम प्रारम्भ किये जाएंगे। उज्जैन में विगत मार्च में रिजनल इण्डस्ट्री कॉनक्लेव का आयोजन किया गया। इससे 12170 करोड़ रुपये का निवेश और 26000 से अधिक नवीन रोजगार उपलब्ध होंगे। विक्रम उद्योगपुरी में मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना के पश्चात मेडिकल उपकरणों के आयात पर निर्भरता कम होगी।
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