पिछले कई वर्षों से चल रही है मशक्कत, मास्टर प्लान भी अटका, अब मुख्यमंत्री की घोषणा के मद्देनजर वल्लभ भवन में हुई हलचल, 17 अक्टूबर को बुलाई ड्राफ्ट पर चर्चा के लिए बैठक
इंदौर। अभी मेट्रो (Metro) के ट्रायल रन (Trail run) के लिए इंदौर आए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (CM Shivraj) ने मेट्रो पोलिटन रीजन ऑथोरिटी (Metropolitan Region Authority) बनाने की घोषणा भी की, जिसके चलते वल्लभ भवन फिर सक्रिय हुआ और ताबड़तोड़ नोटशीट चलाई गई और अब इसके ड्राफ्ट पर 17 अक्टूबर को मीटिंग बुलाई गई है। बीते कई वर्षों से मेट्रो पोलिटन का सपना शासन द्वारा दिखाया जाता रहा है। हालांकि पूर्व की कमलनाथ सरकार ने भी इस मामले में पहल करते हुए प्रक्रिया शुरू की थी और 6 माह में मेट्रो पोलिटन रीजन अथॉरिटी की घोषणा भी कर दी थी। मगर उसके बाद कोरोना और सरकार के तख्तापलट के चलते प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई। इंदौर के साथ-साथ उज्जैन, धार, देवास भी इस अथॉरिटी में शामिल रहेंगे और इस अथॉरिटी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री और सीईओ सचिव या प्रमुख सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी होंगे, ताकि सभी विभागों के समन्वय में परेशानी ना रहे।
इंदौर का मास्टर प्लान भी अधर में लटका है। पूर्व में 2035 तक के प्लान पर काम किया गया। उसके बाद 2041 तक का प्लान लाने की सहमति बनी और यह भी मांग उठी कि विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले कम से कम उसका ड्राफ्ट ही प्रकाशित कर दिया जाए। मगर चूंकि इंदौर जमीनी जादूगरों का शहर है और उज्जैन तथा भोपाल के मास्टर प्लान को लेकर जिस तरह पिछले दिनों भू-घोटालों के गंभीर आरोप लगे और मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करना पड़ा। उज्जैन में तो मंत्री के दबाव के चलते कृषि से आवासीय की गई जमीनों का भू-उपयोग फिर से कृषि करने की प्रक्रिया तक आवास एवं पर्यावरण मंत्रालय ने शुरू कर दी है, जिसके चलते इंदौर के मास्टर प्लान पर हल्ला ना मचे इसलिए उसके ड्राफ्ट का प्रकाशन भी नहीं करवाया और अब तो एक-दो दिन में आचार संहिता लागू हो जाएगी। लिहाजा अब चुनाव परिणामों के बाद ही मास्टर प्लान का ड्राफ्ट प्रकाशित होगा। वहीं चूंकि अब इंदौर मेट्रो पोलिटन रीजन अथॉरिटी की भी घोषणा कर दी है, जिसके चलते मास्टर प्लान में इसका भी प्रावधान करना होगा। हालांकि पूर्व में भी देवास, धार, उज्जैन को जोडऩे की मांग होती रही है। खासकर मेट्रो जैसे बड़े प्रोजेक्टों को अमल में लाने के लिए इस तरह की अथॉरिटी जरूरी है। अब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की घोषणा के बाद वल्लभ भवन हरकत में आया और मुख्यमंत्री कार्यालय से नोटशीट गई, जिसमें कहा गया कि अभी 30 सितम्बर को इंदौर में मुख्यमंत्री जी ने मेट्रो पोलिटन अथॉरिटी की घोषणा की है, जिस पर नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग कार्रवाई शुरू करे। लिहाजा इस नोटशीट पर विभाग ने भी अपनी टीप लिखी है और 17 अक्टूबर को ड्राफ्ट पर चर्चा के लिए बैठक बुलाने की बात कही है। हालांकि अब विधानसभा चुनाव और उसके परिणामों के बाद ही मास्टर प्लान और अथॉरिटी का भविष्य तय होगा। इंदौर उत्थान अभियान संस्था भी लगातार इसकी मांग करती रही है और मास्टर प्लान को लेकर भी मुख्यमंत्री से लेकर सभी प्रमुख जनप्रतिनिधियों को महत्वपूर्ण सुझाव भी सौंपे गए हैं। इंदौर जिस तेजी से विकसित हो रहा है उसके हिसाब से मेट्रो पोलिटन अथॉरिटी की आवश्यकता अत्यधिक है।
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