उज्जैन। पिछले लगभग एक महीने से उज्जैन कोरोना मुक्त चल रहा है। परंतु हाल ही में महाराष्ट्र और दिल्ली में कोरोना मामलों की वापसी में यहाँ के चिकित्सकों की चिंता बढ़ा दी है। उनका कहना है कि उज्जैन के लोगों को सतर्क रहना होगा क्योंकि इन दोनों राज्यों में आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं है। लापरवाही से यहाँ भी संक्रमण फैल सकता है। उल्लेखनीय है कि उज्जैन जिले में कोरोना महामारी की शुरुआत 2 साल पहले 23 मार्च 2020 से हुई थी। तब से लेकर अब तक पूरे जिले में 7 लाख 13 हजार 397 संदिग्ध लोगों के सेम्पलों की जाँच की जा चुकी है। कल भी 197 सेम्पलों की जाँच हुई थी और सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई। इनमें से पहली, दूसरी तथा तीसरी लहर के मिलाकर 24 हजार 387 मामले पॉजीटिव आए हैं।
इनमें से 24 हजार 211 लोग कोरोना से उपचार के बाद मुक्त हो चुके हैं, वहीं 176 लोगों की कोरोना से जिले में जान गई है। तीसरी लहर के दौरान पूरे जिले में 1033 बेड की डेडिकेडेट कोविड हेल्थ सेंटरों में व्यवस्था की गई थी। कोरोना मुक्त होने के बाद से जिले में यह सभी बेड अभी खाली हैं। जिला कोरोना नियंत्रण नोडल अधिकारी डॉ. एच.पी. सोनानिया ने बताया कि अभी पूरे जिले में कहीं भी माधवनगर सहित अन्य डेडिकेडेट अस्पतालों में कोरोना का एक भी मरीज नहीं रहा है। माधवनगर अस्पताल में भी अब अन्य बीमारियों के उपचार हेतु मरीज भर्ती हैं लेकिन उन्होंने कहा कि हाल ही में महाराष्ट्र तथा दिल्ली कोरोना मामलों की खबर आई है। इन राज्यों में कोरोना फिर से लौट आया है। इसे देखते हुए उज्जैन के लोगों को भी सतर्कता बरतनी होगी। , क्योंकि अभी पूरे देश में किसी भी राज्य में लोगों के आवागमन पर कोरोना गाईड लाईन का कोई बंधन नहीं है। अगर इन राज्यों से कोई कोरोना पॉजीटिव व्यक्ति यहाँ आता है और उसके संपर्क में स्थानीय लोग आते हैं तो हो सकता है कि फिर से उज्जैन जिले में भी कोरोना की वापसी हो जाए।
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