उज्जैन। कोरोना की तीसरी लहर शुरु होने के आज साढ़े 3 माह बाद उज्जैन जिला पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो पाया है। दो दिन पहले तक जिले में कोरोना का एक मरीज उपचाररत था। कल ठीक होने पर उसकी भी छुट्टी हो गई और पूरा जिला कोरोना से मुक्त हो गया। उल्लेखनीय है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद सितम्बर 2021 में उज्जैन जिला पूरी तरह कोरोना से मुक्त हो पाया था। लेकिन इसके लगभग तीन महीने बाद पिछले साल 7 दिसम्बर से उज्जैन जिले में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी थी। स्थिति यह रही थी कि जनवरी महीने में तो रोज पॉजीटिव आ रहे मरीजों का आंकड़ा 262 तक चला गया था। उस दौरान एक्टिव केस भी साढ़े 3 हजार से ऊपर पहुँच गए थे। हालांकि तीसरी लहर में यह राहत रही कि 97 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों में सामान्य लक्षण होने के कारण उन्हें न तो रेमडेसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता पड़ी और न ही ऑक्सीजन की। यह सारे मरीज होम आईसोलेशन में ही उपचार के बाद 5 से 7 दिन के अंतराल में ठीक होते गए। नोडल अधिकारी डॉ. एच.पी. सोनानिया ने बताया कि कल शाम तक उज्जैन जिले में कोरोना के पॉजीटिव आए तीसरी लहर में मरीजों की संख्या 5 हजार 282 तक रही।
इसी के साथ एक मरीज का उपचार होम आईसोलेशन में चल रहा था वह भी कल ठीक हो गया। जाँच में भी कल कोरोना का कोई पॉजीटिव नया केस नहीं आया। इसी के साथ आज सुबह जिले में कहीं भी कोरोना का मरीज उपचाररत नहीं रह गया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अब आगामी 14 दिनों तक जिले में अगर एक भी कोरोना का नया केस नहीं पाया गया तो स्वास्थ्य विभाग की गाईड लाईन के मुताबिक उज्जैन को कोरोना मुक्त घोषित किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना की तीसरी लहर में पूरे जिले में 5 लोगों की उपचार के दौरान मौत भी हुई। अभी तक इस महामारी में जिले के 176 लोगों की जान जा चुकी है।
मास्क और डिस्टेंस अभी भी जरूरी
इधर स्वास्थ्य विभाग ने पूरे प्रदेश में आज से कोरोना गाईड लाईन की सभी पाबंदियाँ करीब-करीब खत्म कर दी है लेकिन इसके बावजूद अभी भी आगामी जून माह तक पूरे देश में स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को मास्क लगाने और सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अनिवार्यता को बरकरार रखा है।
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