नई दिल्ली (New Delhi) । MPPSC (मप्र लोक सेवा आयोग) ने गुरुवार शाम राज्य सेवा परीक्षा-2021 (State Service Examination-2021) की फाइनल चयन सूची जारी कर दी। जिसमें उज्जैन (Ujjain) की भाई-बहन (brother and sister) की एक जोड़ी ने डिप्टी कलेक्टर (Deputy Collector) के पद पर चयनित होकर शहर का नाम रोशन कर दिया। इनमें से बहन की 14वीं रैंक और भाई की 21वीं रैंक आई है। फिलहाल बहन सीहोर में है और भाई भोपाल में है।
अपने परिवार और शहर का नाम रोशन करने वाले ये दोनों भाई-बहन उज्जैन शहर के इंजीनियरिंग कॉलेज में पदस्थ प्रोफेसर डॉ. वाय.एस. ठाकुर के बेटा और बेटी हैं। इनमें से बेटी का नाम राजनंदिनी सिंह ठाकुर और बेटे का नाम अर्जुन सिंह ठाकुर है। भाई-बहन की यह जोड़ी एक साथ मप्र लोक सेवा आयोग परीक्षा पास कर डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुई है। दोनों में से राजनंदिनी का चयन 2020 में ही नायब तहसीलदार के पद पर हो गया था।
मीडिया से चर्चा में अर्जुन ने बताया कि इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया था कि आप उज्जैन के रहने वाले हो तो आप बारह ज्योतिर्लिंगों के नाम बताइए। इसके बाद उनसे यह भी पूछा गया कि आपका जन्म नर्मदापुरम में हुआ है तो वहां कौन-सा शक्तिपीठ है इस बारे में बताइए। इसके अलावा हरित क्रांति और जनरल नॉलेज से जुड़े सवाल पूछे गए।
इन दोनों भाई-बहन ने उज्जैन के क्रिस्ट ज्योति स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद भोपाल से इंजीनियरिंग की है। बताया जा रहा है कि राजनंदिनी बास्केटबॉल की स्टेट प्लेयर भी रही हैं और साल 2020 में उनका चयन नायब तहसीलदार के पद पर पर भी हो गया था। जिसके बाद वर्तमान में वह सीहोर में पदस्थ हैं।
अपनी सफलता के बारे में बात करते हुए राजनंदिनी ने बताया कि नौकरी में रहते हुए उन्होंने पढ़ाई के लिए समय निकाला, क्योंकि अगर कुछ बनना है तो समय न होते भी निकालना पड़ेगा, पढ़ाई में खुद को झोंकना होगा, तभी लक्ष्य हासिल हो पाएगा। इसी वजह से नौकरी में रहते हुए उन्होंने आगे की तैयारी के लिए समय निकाला और डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुईं।
उधर अर्जुन ने अपनी सक्सेस के बारे में बताते हुए कहा कि रोजाना आठ से दस घंटे की पढ़ाई की, सोशल मीडिया का इस्तेमाल सिर्फ खबरें और कंटेंट देखने के लिए किया। 2018 से लगातार अपना बेस्ट देने के लिए मेहनत की और आज उसका परिणाम मिल गया। बताया जा रहा है कि दोनों भाई-बहन ने एक साथ में एमपीपीएससी की तैयारी की थी। इस दौरान अर्जुन की नौकरी टीसीएस में भी लग गई थी, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं करते हुए लगातार मेहनत की और आज डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुए हैं।
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