दो थे कातिल … एक ने साथियों को सुनाई कहानी…तब खुला राज…
नशीला पावडर देने का लालच देकर ले गए थे दोस्त, रास्ते में गमछे से गला घोंटकर मार डाला
इंदौर। उज्जैन (ujjain) के भेरूगढ़ इलाके (bherugarh area) में गत दिवस इंदौर के जिस निगरानीशुदा बदमाश तन्नू उर्फ तुषार पिता जितेंद्र बोरासी 21 वर्ष निवासी जयहिन्द नगर बाणगंगा ( jai hind nagar banganga) की हत्या (murder) कर खेत में फेंकी गई लाश का पर्दाफाश करती पुलिस ने उसके ही दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने पुरानी खुन्नस के चलते पहले उसका गमछे से गला घोटा और फिर बाद में पत्थरों से कुचलकर उसे मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद एक कातिल ने इंदौर आकर मृतक के दो साथियों को पूरा वाक्या सुनाया था और और उसका बड़बोलापन ही पुलिस की गुत्थी सुलझा गया।
मिली जानकारी के अनुसार जयहिन्द नगर में रहने वाले बदमाश तन्नु बोरासी का एक माह पूर्व बादल का भट्टा निवासी सुनील बसोड़ और महेश यादव नगर के नीलेश जटालु से उसका विवाद हुआ था हालांकि बाद में इनके बीच सुलह भी हो गई थी, लेकिन सुनील फिर भी खुन्नस पाले हुए था और ऊपरी तौर पर तन्नु से बात करता था। तन्नू की मौसी टीना बौरासी तथा मां अरुणा ने बताया कि 1 जून को रात साढ़े ग्यारह बजे के करीब तन्नू बोरासी को सुनील और नीलेश अपने साथ मोटरसायकल पर बैठाकर घर से ले गए थे। जब तीन दिन तक तन्नू घर नहीं लौटा तो परिवार वाले बाणगंगा थाने पर पहुंचे थे, जहां से उन्हें यह कहकर टाल दिया कि गुंडा है, कहीं चला गया होगा, जेल पर जाकर देखो। चार जून को सुबह मृतक की मां, मौसी तथा परिवार के अन्य सदस्य सेंट्रल और जिलाजेल भी गए थे, मगर पड़ताल के दौरान गुंडे के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया था, इस पर परिवार वाले दोबारा थाने गए और फिर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। बताया जा रहा है कि जब तन्नू की तलाश की जा रही थी, इसी बीच उसके दो दोस्त अंकित बसोड़ और अंकित तातिया ने उसकी मौसी टीना को आकर बताया कि नीलेश जटायु तन्नू के बारे में कुछ बता रहा है, जिस पर उसकी मौसी ने अपने पति को नीलेश से मिलने के लिए भेजा था, चूंकि नीलेश उसके मौसा को नहीं जानता था, इसलिए उसने हत्याकांड का सारा राज उसके सामने खोल दिया।
गमछे से गला घोंटकर मारा… चेहरा बिगाडऩे के लिए पत्थरों से कुचला…
बताया जा रहा है कि हत्या (murder) के बाद नीलेश और सुनील अलग अलग दिशाओं मे भागे थे। आरोपी नीलेश ने बताया कि सुनील और वे तन्नू को नीलगंगा थाना क्षेत्र में नशे का पावडर दिलाने का झांसा देकर ले गए थे। उसके बाद वहां पहुंचने पर यह कहकर बहाना बना दिया कि यहां पावडर नहीं है, रतलाम से लाएंगे। तीनों बाइक से रतलाम के लिए निकले, उसी दौरान उन्हेल तथा गढ़ा के बीच बदमाशों ने तन्नू का गला गमछे से घोट दिया और सडक़ किनारे गड्ढे में उसे फेंक दिया। बाद में दोनों बदमाशों ने उसके शरीर पर पत्थरों से वार दिया और तब तक पत्थरों से उसे कुचलते रहे, जब तक उसके प्राण नहीं निकल गए। कातिलों ने उसका चेहरा भी कुचल दिया था, ताकि पहचान नहीं हो सके। बताया जा रहा है कि परिवारवालों को जब चार दिन बाद तन्नू के दोस्त के माध्यम से जानकारी लगी तो उन्होंने टीआई बाणगंगा राजेंद्र सोनी को पूरा घटनाक्रम बताया। इसके आधार पर पुलिस ने रातभर छानबीन कर पूरे हत्याकांड का पर्दाफाश कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। कल पुलिस भेरूगढ़ आरोपी नीलेश जटालु को लेकर इंदौर आई थी। वहीं सुनील भेरूगढ़ थाने में बंद हैं। सूत्रों का कहना है कि दोनों बदमाश नाटकीय तरीके से पेश हुए हैं।
कई अपराध दर्ज हैं मृतक पर
मृतक गुंडे के खिलाफ 10 से ज्यादा संगीन मामले बाणगंगा थाने में दर्ज है, जिनमें अड़ीबाजी, आगजनी, मारपीट, शराब का अवैध कारोबार, हत्या के प्रयास आदि शामिल है।
कब्र से निकलवाई लाश फिर किया अंतिम संस्कार
इंदौर गुंडे की लाश को दफनाएं जाने की जानकारी जब उसके परिजनों को लगी तो वे उज्जैन पहुंचे और शव को कब्र से निकाला और रामघाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
5 साल पूर्व हो जाती हत्या
हिस्ट्रशीटर बदमाश तन्नू पर वर्ष 2016 में वृंदावन कालोनी में किन्हीं लोगों से विवाद के बाद उस पर हत्या (murder) के प्रयास का प्रकरण दर्ज हुआ था। परिजन बताते हैं कि यदि तन्नू उन पर चाकू से हमला नहीं करता तो वे लोग उसे मार डालते।
रासुका भी लगी थी, लेकिन डेढ़ माह में छूट गया
गुंडे तुषार बोरासी को 2019 में रासुका के तहत निरुद्ध कर भोपाल जेल भेज दिया था। हालांकि उसकी डेढ़ माह में जमानत हो गई थी और उसके बाद फिर वह अपराद में लिप्त हो गया।
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