उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग (Famous Jyotirlinga) भगवान महाकालेश्वर मंदिर (Lord Mahakaleshwar Temple) के गर्भगृह में 21 महीने के बाद सोमवार, 06 अगस्त से आम श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू होने जा रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में मार्च 2020 में लागू लॉकडाउन के दौरान महाकालेश्वर मंदिर भी दर्शन के लिए बंद कर दिया गया था, तभी से यहां गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित है।
उल्लेखनीय है कि गत दिनों महाकालेश्वर मंदिर समिति की बैठक में कलेक्टर एवं समिति अध्यक्ष आशीष सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सोमवार से मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश दिये जाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन श्रद्धालुओं को भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं रहेगी। वे बैरिकेड्स के बाहर से ही भस्म आरती में शामिल हो सकेंगे। प्रवेश के दौरान रसीद लेकर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को ड्रेस कोड का पालन करना अनिवार्य होगा।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि कोविड गाइडलाइन के खत्म हो जाने के बाद से महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए पहले की तरह व्यवस्थाएं लागू की जा रही हैं। हालांकि, अभी कोविड का खतरा टला नहीं है, इसलिए मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना गाइडलाइन का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। गर्भगृह में प्रवेश के दौरान आगंतुक समस्त श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 महामारी के लिए जारी गाइडलाइन का पालन कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सामान्य दर्शनार्थियों की भीड़ को देखते हुए गर्भगृह से दर्शन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। सामान्य दर्शनार्थी शंख द्वार से फैसिलिटी सेंटर, मंदिर परिसर, कार्तिकेय मण्डपम् से रैम्प उतरकर गणेश मण्डपम् की बैरिकेट्स से नंदीमण्ड्पम से होते हुए गर्भगृह में प्रवेश करेंगे व दर्शन उपरान्त निर्गम रैम्प से बाहर निकलेंगे। (एजेंसी, हि.स.)
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