उज्जैन। समर्थन मूल्य की खरीदी पिछले महीने 5 जून तक चली थी। उसके बाद से लेकर अब तक करीब 40 दिन बाद भी खरीदा गया गेहूँ पूरी तरह परिवहन नहीं हो पाया है। जिले में अभी भी 6 हजार मेट्रिक टन गेहूँ धर्मशालाओं और अन्य स्थानों पर रखा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि इस बार समर्थन मूल्य पर खरीदी का टारगेट 4 लाख मेट्रिक टन रखा गया था लेकिन जिले के किसान समर्थन मूल्य पर 8 लाख मेट्रिक टन से ज्यादा गेहूँ बेच गए। खरीदी के मामले में उज्जैन जिला प्रदेश में टॉप पर पहुँच गया था। दो गुनी तादाद में गेहूँ तो खरीद लिया गया लेकिन हालत यह हो गई थी कि लाखों टन गेहूँ बरसात शुरु हो जाने के बाद भी उठ नहीं पाया था और कई जगह गेहूँ भीग गया था। खुले के अलावा विभाग द्वारा खरीदा गया गेहँू किराए की धर्मशालाओं, स्कूलों और अन्य भवनों में रखवाया गया था। इस तरह लगभग 6 हजार मेट्रिक टन गेहूँ सुरक्षित किया गया था। शासन प्रशासन ने पहले खुले में रखे गेहूँ को परिवहन की प्राथमिकता दी थी। इसके बावजूद पूरे जिले में एक लाख बोरी से ज्यादा गेहूँ भीग गया था। उसकी ग्रेडिंग की जा रही है। इधर धर्मशालाओं में रखे गेहूँ की भी गे्रेडिंग कर परिवहन की तैयारी चल रही है। इधर पूरे जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदा गया गेहूँ भीगने पर विधानसभा में प्रश्न भी लगाया जा चुका है। इसके बाद से संबंधित विभाग के अधिकारी कुछ सक्रिय हुए और खुले में रखे बाकी गेहूँ का परिवहन कराने का प्रयास तेज किया। इन सबके बावजूद भी इस बार बड़ी तादाद में खुले में रखा गेहूँ भीगा है। भीगे हुए गेहूँ की ग्रेडिंग कर अधिकारी नई दरें तय करने की तैयारी कर रहे हैं।
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