नई दिल्ली: देश के ज्यादातर हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. गुरुवार को कई स्थानों पर पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया. गुरुग्राम ने 28 अप्रैल 2022 को अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 45.6 डिग्री सेल्सियस का तापमान दर्ज किया, जो साल 1979 के 44.8 डिग्री सेल्सियस के बाद अब तक का उसका उच्चतम तापमान है. दिल्ली ने 12 साल में 43.5 डिग्री सेल्सियस के साथ अप्रैल का सबसे गर्म दिन देखा. राष्ट्रीय राजधानी में 18 अप्रैल, 2010 को अधिकतम तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.
उत्तर प्रदेश में प्रचंड गर्मी ने इलाहाबाद (45.9 डिग्री सेल्सियस) को झुलसा दिया; मध्य प्रदेश में खजुराहो (45.6 डिग्री सेल्सियस), नौगॉन्ग (45.6 डिग्री सेल्सियस), और खरगोन (45.2 डिग्री सेल्सियस); महाराष्ट्र में अकोला (45.4 डिग्री सेल्सियस), ब्रम्हापुरी (45.2 डिग्री सेल्सियस) और जलगांव (45.6 डिग्री सेल्सियस) और झारखंड के डाल्टनगंज (45.8 डिग्री सेल्सियस) में गर्मी ने लोगों की हालत खराब कर दी. हीटवेव के बीच भारत ने एक दिन में सबसे अधिक बिजली की मांग की आपूर्ति की और गुरुवार को 204.65 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू लिया.
अगले 4 दिनों तक उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में लू का प्रकोप
पश्चिमी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी यूपी, एमपी, झारखंड के लिए 3 दिन – 29 अप्रैल, 30 अप्रैल और 1 मई – के लिए येलो वार्निंग जारी की गई है. आईएमडी ने 2 मई से मौसम में बदलाव होने का पूर्वानुमान जताया है. आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ आगे बढ़ रहा है; गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि अगले 4 दिनों तक उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में और अगले 2 दिनों तक पूर्वी भारत में लू का प्रकोप बना रहेगा.
राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में ऑरेंज अलर्ट
राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के लिए अगले चार दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. मौसम की चेतावनी के लिए आईएमडी 4 कलर कोड का इस्तेमाल करता है. हरे रंग का अर्थ है किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है, पीला का अर्थ है देखना और अद्यतन रहना, नारंगी का अर्थ है तैयार रहना जबकि रेड अलर्ट का अर्थ है कार्रवाई करना. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक भी पहुंच सकता है. भारत के बड़े हिस्से में मार्च के अंतिम सप्ताह से सामान्य से अधिक तापमान दर्ज किया जा रहा है.
सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की कमी के कारण बने ऐसे हालात
मौसम विशेषज्ञों ने इसके पीछे का कारण सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की कमी को बताया है. हर वर्ष इस समय विशिष्ट रूप से हल्की वर्षा और गरज के साथ बौछारों की उपस्थिति बनी रहती है. लेकिन इस बार यह नहीं देखा गया. उत्तर पश्चिम भारत ने मार्च और अप्रैल में कम से कम चार पश्चिमी विक्षोभ देखे, लेकिन वे इतने मजबूत नहीं थे कि मौसम में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकें.
कब घोषित होता है हीटवेव और गंभीर हीटवेव?
अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री अधिक होने पर हीटवेव घोषित की जाती है. आईएमडी के अनुसार, यदि तापमान सामान्य से 6.4 डिग्री अधिक है, तो गंभीर हीटवेव घोषित की जाती है. यदि कोई क्षेत्र 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज करता है तो उसे हीटवेव कहते हैं, वहीं अगर तापमान 47 डिग्री से अधिक पहुंच जाता है तो यह गंभीर हीटवेव कहलाता है.
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