भोपाल। बेराजगार युवाओं को रोजगार के लिए उद्योग लगाने तथा व्यवसाय के लिए लागू की गई मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना (एमएमयूकेवाई) छलावा साबित हो रही है। युवाओं को ऋण के बदले ब्याज में किसी तरह का अनुदान नहीं मिल रहा है। उन्हें अपने ऋण का पूरा ब्याज भरना पड़ रहा है। जबकि इस योजना में बेरोजगार युवा द्वारा लिए गए ऋण पर सरकार द्वारा तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान का प्रावधान है। लेकिन करीब एक साल बाद भी सरकार ने अपने हिस्से की ब्याज राशि जारी नहीं की है। मामले में खास यह भी है कि एसएएमएएसटी पोर्टल पर ब्याज अनुदान की गणना का कॉलम ही नहीं है। ऐसे में बैंक भी ब्याज की गणना नहीं कर पूरा ब्याज वसूल रहे हैं। ब्याज में छूट के लिए परेशान हितग्राही ब्याज की छूट देने के लिए बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन बैंक अधिकारी जवाब देने की िस्थति में नहीं है। राज्य में अब तक इस योजना के तहत 6 हजार 790 हितग्राहियों ने 38 अरब 34 करोड 24 लाख 8 हजार 102 रूपए का ऋण लिया है। नियमानुसार इसका 11 करोड़ 16 लाख 32 हजार 575 रूपए का ब्याज अनुदान सरकार को देना था लेकिन किसी भी हितग्राही ही अब तक एक रूपए का भी ब्याज अनुदान उसके ऋण पर नहीं मिल सका है।
युवाओं में उत्साह नहीं ,25 जिलों में लाभार्थी दहाई में
इस योजना के तहत ब्याज अनुदान कम होने तथा वह भी नहीं मिलने से युवा इस योजना में कम रूचि ले रहे हैं। इसके चलते युवाओं की एप्लीकेशन भी कम आ रही हैं। राज्य के 25 जिले ऐसे हैं जहां लाभार्थियों की संख्या दहाई में हैं। इन जिलों में केवल 1309 आवेदकों को ही ऋण दिया गया। हालांकि लक्ष्य हजारों में है। निवारी में केवल 13 आवेदकों को इस योजना के तहत ऋण मिला। इस जिले में 600 युवाओं को ऋण देने का लक्ष्य है अब तक केवल 110 आवेदन ही आए हैं। जबलपुर में 375, रीवा में 332, खरगौन में 324, भोपाल में 293, देवास में 247, रतलाम में 244, मुरैना में 213 तथा सागर में 203 आवेदकों को ऋण दिए गए हैं। राज्य के 18 जिले ऐसे हैं जहां लाभार्थियों की संख्या महज 2 हजार 477 है।
50 हजार से 50 लाख का लोन, 8वीं पास होना जरूरी
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अन्तर्गत युवा उद्यमी उद्योग (विनिर्माण) इकाई के लिए 50 हजार से 50 लाख तक लोन लेकर परियोजनाएं शुरु कर सकते हैं। जबकि सेवा (सर्विस) इकाई एंव खुदरा व्यवसाय (रिटेल ट्रेड) के लिए 50 हजार से 25 लाख तक लोन लेकर परियोजनाएं शुरु की जा सकती है। इस योजना के तहत ऋण लेने के लिए 8 वीं पास होना आवश्यक है। 45 साल तक का आवेदक इस योजना के लिए पात्र है। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत शिक्षित युवाओं को स्वयं का उद्यम/ स्वरोजगार स्थापित करने के लिए बैंको के माध्यम से कोलेटरल फ्री ऋण उपलब्ध कराना है। तथा ब्याज अनुदान सहायता के माध्यम से ऋण लागत (कॉस्ट ऑफ क्रेडिट) कम कराकर परियोजना की व्यवहार्यता (प्रोजेक्ट वाइबिल्टी) को बढ़ाना है जिससे प्रदेश में अधिक संख्या में सूक्ष्म उद्यम स्थापित हो सकें, युवाओं की बेरोजगारी दूर हो सके साथ ही प्रदेश के युवा नौकरी के विकल्प के रूप में स्वरोजगार को अपनाने के लिए प्रोत्साहित हो सकें। वित्तीय सहायता के रूप में वितरित ऋण पर 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज अनुदान और बैंक ऋण गारंटी फीस, अधिकतम 7 वर्षो के लिए दिए जाने का प्रावधान है।
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