मुंबई (Mumbai)। हाल ही में चुनाव आयोग (EC) ने महाराष्ट्र के (MH) मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) के नेतृत्व वाले शिवसेना (Shiv Sena) के धड़े को असली शिवसेना Shiv Sena) माना है, जबकि अब यह भी खबर आ रही है कि शिंदे गुट मातोश्री पर भी अपना दावा कर सकता है।
आयोग (EC) ने एकनाथ शिंदे गुट को पार्टी का नाम शिवसेना Shiv Sena) और चुनाव चिह्न तीर-कमान सौंप दिया। इसके बाद अब उन्हें पहले से दिए गए बालासाहेबंची शिवसेना और दो तलवार एवं ढाल के साथ दिए गए चुनाव चिह्न को फ्रीज कर दिया गया है तो वहीं अब खबर यह भी सामने आ रही है कि जल्द ही असली शिवसेना को मातोश्री बंगला भी मिल सकता है।
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दूसरी ओर एक खबर यह भी आ रही है कि एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाले गुट के हाथों ‘शिवसेना’ (‘Shiv Sena’) गंवाने के बाद उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने करोड़ों रुपये का फंड अपनी पार्टी में ट्रांसफर (Fund transfer of crores of rupees) किया है। कहा जा रहा है कि ठाकरे ने शिवसेना के करोड़ों रुपये के पार्टी फंड को अपनी पार्टी ‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ (‘Shiv Sena Uddhav Balasaheb Thackeray’-UBT) के खाते में ट्रांसफर किया है। यह अमाउंट कितनी है इसको लेकर खुलासा नहीं हुआ है। उद्धव खेमे ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को ‘शिवसेना’ नाम और उसका चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ आवंटित कर दिया। इसे उद्धव ठाकरे के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
चुनाव आयोग ने अपने निर्देश में पाया है कि 2018 में संशोधित शिवसेना का संविधान आयोग की जानकारी में नहीं है। चुनाव आयोग के आग्रह पर स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे द्वारा लाए गए 1999 के पार्टी संविधान में लोकतांत्रिक मानदंडों को पेश करने के कार्य को संशोधनों ने पूर्ववत कर दिया था। यह पार्टी को जागीर जैसा बना रहा है। आयोग ने कहा है कि आवेदनकर्ता (शिंदे गुट) को जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधान 29ए तहत 2018 के संविधान में संशोधन करना होगा ताकि आंतरिक लोकतंत्र तैयार किया जा सके।
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