मुंबई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि उन्हें राम मंदिर उद्घाटन के लिए कोई आमंत्रण नहीं मिला है, न ही मुझे रामलला के दर्शन के लिए किसी के निमंत्रण की जरूरत है। जब चाहूंगा अयोध्या जाऊंगा। उद्धव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अयोध्या में राजनीतिक कार्यक्रम नहीं करना चाहिए।
अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोर शोर से शुरू कर दी है। कार्यक्रम में श्रीराम मंदिर ट्रस्ट ने कई राजनीतिक पार्टी के नेताओं को न्योता नहीं दिया है जिसमें उद्धव ठाकरे भी शामिल हैं। ठाकरे ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण में सभी का योगदान है। पार्टी की तरफ से हमने भी समर्पण निधि दी है।
वहीं, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बाबरी विध्वंस के समय शिवसेना कहीं नहीं थी। दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे से जब पूछा गया था कि क्या आपके लोगों ने बाबरी विध्वंस किया था। तब उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि अगर, वे हमारे लोग हैं तो मुझे उन पर गर्व है। लेकिन जो लोग घर से नहीं निकले, उन्होंने बाल ठाकरे के उस वाक्य के आधार पर श्रेय लेने की कोशिश की।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन व इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि भारत आर्थिक और अयोध्या आध्यात्मिक नक्षत्र के रूप में उभर रही है। आज का दिन ऐतिहासिक है, हजारों साल से जिसका इंतजार था वह समय भी करीब है। प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने जा रही है। इसी तारतम्य में अयोध्या को विश्व मानचित्र पर लाया जा रहा है। हवाई अड्डे के पास मैदान में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 500 करोड़ की लागत से निर्मित एयरपोर्ट पर श्रीराम की जीवन शैली को अंकित किया गया है। इसकी दीवारें उड़ीसा, बिहार के मधुबनी और आंध्र प्रदेश की कला की भी गवाह हैं। दूसरे चरण में इसका और विस्तार किया जाना है। फिलहाल इंडिगो व एयर इंडिया के विमानों से अयोध्या का दिल्ली से सीधा जुड़ाव हो गया है।
प्रधानमंत्री ने नवंबर में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव प्रचार समाप्त होते ही यूपी में विरासत को सम्मान के मुद्दे को धार देना शुरू कर दिया है। 28 नवंबर को मथुरा में मीरा बाई के जयंती समारोह में उन्होंने कहा था कि जल्द ही मथुरा में भी श्रीकृष्ण जन्मभूमि के दिव्य और भव्य दर्शन होंगे। उसके बाद पीएम ने 17 दिसंबर को वाराणसी में काशी-तमिल संगमम में शिककत की। शनिवार को अयोध्या में एयरपोर्ट के लोकार्पण के साथ रोड शो कर राष्ट्रवाद के एजेंडे को धार भी दी। मोदी ने 32 दिन में यूपी तीसरा बड़ा दौरा किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मोदी ने विकास और विरासत को सम्मान के जरिये यूपी में लोकसभा चुनाव में मिशन 80 को पूरा करने में जुट गए हैं।
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